समस्तीपुर जिले में सोमवार की शाम एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। एक स्कॉर्पियो को रोकने के बाद पुलिस और उसमें सवार युवकों के बीच हुए तनाव ने देखते ही देखते माहौल को गरमा दिया।
नगर थाना क्षेत्र में सोमवार को पुलिस ने एक स्कॉर्पियो वाहन को जांच के लिए रोका। कार में दो युवक सवार थे, जिन्होंने खुद को रोसड़ा नगर परिषद की वार्ड पार्षद ममता देवी का बेटा बताया। पुलिस ने जब उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तो स्थिति बिगड़ गई। आरोप है कि युवकों और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हुई, जिससे मौके पर भीड़ भी इकट्ठा हो गई।
विवाद बढ़ने पर युवकों ने एससी-एसटी थाना पुलिस पर दुर्व्यवहार और मारपीट के गंभीर आरोप लगाए। मामले को और जटिल बनाते हुए सामने आया कि युवकों के पिता संजू शर्मा पर पहले से ही एससी-एसटी थाने में मामला दर्ज है। इतना ही नहीं, संजू शर्मा की पत्नी (पार्षद ममता देवी) ने भी पूर्व में पुलिस द्वारा घर पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए रोसड़ा व्यवहार न्यायालय में 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने इसके जवाब में संजू शर्मा, उनकी पत्नी, बेटों और अन्य 9 परिजनों पर एफआईआर कर दी थी।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर युवकों का कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई पुराने मुकदमों का बदला लेने के उद्देश्य से की जा रही है। वहीं, एससी-एसटी थाना अध्यक्ष रबिंद्र कुमार भारती ने मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। रोसड़ा थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर लालबाबू कुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। फिलहाल नगर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है और सच सामने लाने की प्रक्रिया में जुटी है।