समस्तीपुर में 60% उद्योग बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस के चल रहे हैं। यह लापरवाही आग से जुड़े हादसों का खतरा बढ़ा रही है। जानें प्रशासनिक निगरानी की कमी और सुधार के उपाय।
समस्तीपुर के उद्योगों में फायर सेफ्टी का अभाव गंभीर चिंता का विषय
समस्तीपुर जिले में मध्यम और बड़े उद्योगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन, फायर सेफ्टी लाइसेंस और सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने इसे गंभीर समस्या बना दिया है। आंकड़ों के अनुसार, जिले में 60 से अधिक उद्योगों में से केवल 15 के पास ही फायर सेफ्टी लाइसेंस है। यह लापरवाही आग और बायलर ब्लास्ट जैसी घटनाओं के जोखिम को बढ़ा रही है।
जिले के उद्योगों में सुरक्षा मानकों की स्थिति
मुख्य तथ्य:
- जिले में कुल 60 मध्यम और बड़े उद्योग संचालित हैं।
- इनमें से केवल 15 उद्योगों के पास फायर सेफ्टी लाइसेंस है।
- 12 से अधिक उद्योगों में बायलर का उपयोग होता है, लेकिन 11 उद्योगों में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं।
फायर सेफ्टी लाइसेंस का महत्व
फायर सेफ्टी लाइसेंस किसी भी उद्योग में अग्नि सुरक्षा मानकों को लागू करने का प्रमाण है।
- यह लाइसेंस सुनिश्चित करता है कि आग लगने की स्थिति में पर्याप्त सुरक्षा उपाय उपलब्ध हों।
- बिना लाइसेंस के उद्योगों का संचालन कर्मचारियों और संपत्ति को खतरे में डालता है।
बड़े उद्योगों में भी फायर सेफ्टी की कमी
समस्तीपुर जिले में लगभग 20 बड़े उद्योग हैं, जिनमें भारी मशीनरी और उपकरणों का उपयोग होता है।
- इनमें से अधिकांश उद्योगों के पास फायर सेफ्टी लाइसेंस नहीं है।
- बायलर ब्लास्ट और आगजनी जैसी घटनाओं का जोखिम इन उद्योगों में अधिक है।
- सवाल उठता है कि प्रशासनिक निगरानी के बावजूद ये उद्योग बिना लाइसेंस कैसे संचालित हो रहे हैं?
बिना लाइसेंस संचालन के कारण
- उद्योग संचालकों की उदासीनता:
- फायर सेफ्टी के उपायों पर खर्च करने में अनिच्छा।
- लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को लेकर जानकारी की कमी।
- प्रशासनिक सख्ती की कमी:
- जिला अग्निशमन विभाग द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं किया जाता।
- बिना लाइसेंस वाले उद्योगों पर कार्रवाई में देरी।
प्रशासन और संगठनों की मांग
स्थानीय मजदूर यूनियनों और संगठनों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
- बिना फायर सेफ्टी लाइसेंस वाले उद्योगों को बंद करने की अपील।
- सख्त जांच अभियान और नियमित निरीक्षण की आवश्यकता।
“नियमित रूप से संचालित संस्थानों की जांच की जाती है। बिना लाइसेंस वाले संस्थानों पर कार्रवाई भी की जाती है।”
- सुरेंद्र सिंह, जिला अग्निशमन पदाधिकारी
सुझाव और सुधार के उपाय
उद्योग संचालकों के लिए:
- फायर सेफ्टी लाइसेंस को प्राथमिकता दें।
- कर्मचारियों को अग्नि सुरक्षा उपायों की ट्रेनिंग दें।
- उद्योगों में आग से बचाव के आधुनिक उपकरण लगाएं।
प्रशासन के लिए:
- जिले में फायर सेफ्टी नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
- नियमित जांच और सख्त कार्रवाई के लिए विशेष अभियान चलाएं।
- उद्योगों को फायर सेफ्टी लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाएं।
समस्तीपुर में बढ़ते उद्योगों के साथ फायर सेफ्टी मानकों का अभाव एक गंभीर समस्या बन चुका है। प्रशासन और उद्योग संचालकों को मिलकर इसे प्राथमिकता देनी होगी ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।