Samastipur News : नई पेंशन नीति वापस लेने व पुरानी पेंशन बहाल करने, बकाया डीए का भुगतान करने तथा कंप्यूटर ऑपरेटर समेत अन्य दैनिक वेतन भोगियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले शनिवार को समस्तीपुर समाहरणालय के समक्ष 11 सूत्री मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर धरना दिया। इसका नेतृत्व संगठन के जिला मंत्री राजीव रंजन ने किया।
इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कर्मचारी महासंघ के नेता लक्ष्मीकांत झा ने कहा कि वे व उनका संगठन कर्मचारियों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी समस्या के त्वरित समाधान के लिए वे सदैव संघर्ष को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पीएफआरडीए एक्ट को निरस्त किया जाए, एनपीएस व यूपीएस को समाप्त किया जाए तथा ओपीएस को लागू किया जाए। आठवें वेतन आयोग का शीघ्र गठन किया जाए। साथ ही आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल जैसे सभी राज्यों में 5 साल में एक बार आवधिक वेतन आयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
जिला मंत्री ने कहा कि सरकार को सभी संविदा कर्मचारियों को तुरंत नियमित करना चाहिए। दैनिक वेतन भोगी की व्यवस्था को भी समाप्त किया जाना चाहिए और सभी कर्मियों की सेवा को सरकारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को लंबित डीए की किस्तों और जब्त सभी डीए एरियर को तुरंत जारी करना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वापस लिया जाना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 310, 311-2 एबीसी को निरस्त किया जाना चाहिए। नए 3 आपराधिक कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखा जाना चाहिए। सभी प्रकार की सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए।
इस सभा को राम पुकार झा, महेंद्र पंडित, दीपक कुमार सिंह, धीरज कुमार, वीरेंद्र कुमार सिंह, दिनेश झा, चेतन लाल यादव, अभय कुमार सिंह, रेखा कुमारी, रंजना कुमारी, मंजू कुमारी, पूजा भारती, लक्ष्मी कुमारी, माधुरी कुमारी, अनिता कुमारी आदि ने संबोधित किया और सरकार से मांग की कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, अन्यथा आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को सबक सिखाया जाएगा।