जमुई बाल श्रम के धावा दल ने एक बाल श्रमिक को कराया विमुक्त

मृगांक शेखर सिंह/ जमुई

नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश !
बाल श्रम के विरुद्ध य़ह अभियान लगातार जारी रहेगी!
बाल श्रम उन्मूलन हेतु जिला पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा शर्मा के निर्देशानुसार जिला में गठित धावा दल श्रम अधीक्षक, जमुई रतीश कुमार के नेतृत्व में विभिन्न दुकानों, बीड़ी प्रतिष्ठानों, गैराज, ईंट भट्ठा आदि क्षेत्रों में सफल संचालन किया गया! धावादल द्वारा झाझा प्रखंड के नवाब टायर रिसोर्स सेंटर, सोहजाना, झाझा से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया। बाल श्रमिक से बात करने पर पता चला कि उन्हें नियमानुसार न्यूनतम मजदूरी का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है | इस संबंध में श्रम अधीक्षक रतीश कुमार ने बताया कि उक्त विमुक्त कराये गये बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया गया है |

उक्त नियोजकों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने एवं अन्य आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित क्षेत्र के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को दी गई है |श्रम अधीक्षक ने बताया कि Supreme Court Case M.C.Mehta Vs Govt.of Tamilnadu के पारित आदेश के आलोक में नियोजकों को प्रति बाल श्रमिक 20,000/- रुपये जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष के खाता में जमा करना होगा | योग्य बाल श्रमिक को तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में 3 हजार रुपये प्रति विमुक्त बाल श्रमिक के खाते में राशि अंतरण किया जाना है एवं CMRF Fund से 25 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से सम्बन्धित विमुक्त बाल श्रमिक के बैंक खाते में राशि को उनके नाम से fixed deposit कराया जाना है! बाल श्रम उन्मूलन में शामिल स्टेट होल्डर यथा शिक्षा विभाग, सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा विमुक्त बाल श्रमिक और उनके परिवार को अपने विभाग से सम्बन्धित लाभदेय से आच्छादित करेंगे |

न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत भी उपरोक्त नियोजक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी |
उल्लेखनीय है कि बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 संशोधित अधिनियम 2016 की धारा 3 एवं 3A के अनुसार किसी भी घर, दुकान, प्रतिष्ठान,कल कारखानों में 14 वर्ष की आयु से कम उम्र के बच्चों तथा 18 वर्ष की आयु से कम उम्र के किशोर को जोखिम कार्यों में नियोजित करना दण्डनीय अपराध है |

विमुक्त कराए गए बाल श्रमिक के नियोजक के विरुद्ध झाझा थाना में बाल श्रम अधिनियम 1986 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई गई। विमुक्त बाल श्रमिक को CWC जमुई के समक्ष प्रस्तुत किया गया एवं सौंपा गया। उक्त धावादल के सफल संचालन में सुश्री अणिमा कुमारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, झाझा, श्री विकास कुमार सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, लक्ष्मीपुर, श्री कुणाल कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, खैरा, श्री मुकेश कुमार वर्मा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सोनो एवं पुलिस बल शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *