दरगाह शरीफ में भव्य रोजा इफ्तार, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धर्मगुरुओं ने दिया एकता और शांति का संदेश

*धार्मिक और आध्यात्मिक नेता एकत्र हुए
*हमारी मंजिल एक ही है प्रेम और शांति- पीठाधीश्वर

(हरिप्रसाद शर्मा) अजमेर:अजमेर की ऐतिहासिक दरगाह अजमेर शरीफ में भव्य रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया।जिसकी मेजबानी हाजी सैयद सलमान चिश्ती (गद्दीनशीन, दरगाह अजमेर शरीफ और चेयरमैन, चिश्ती फाउंडेशन) ने की। इस पावन अवसर पर देश-विदेश के प्रतिष्ठित धार्मिक और आध्यात्मिक नेता एकत्र हुए और शांति, प्रेम एवं सद्भाव का संदेश दिया।

राष्ट्रीय अंतरधार्मिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पीठाधीश्वर गोस्वामी सुशील जी महाराज (अध्यक्ष, भारतीय सर्वधर्म संसद, नई दिल्ली) ने किया, उनके साथ ध्रुव जी भी उपस्थित रहे। इसी के साथ, मोहंजी (संस्थापक, मोहंजी फाउंडेशन और ACT फाउंडेशन) भी यूरोप से आईं अपनी शिष्या मिस टीया और अमेरिका की ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड पेक के साथ इस आयोजन की शोभा बढ़ाने पहुंचे। इस खास मौके पर पूर्व यूआईटी चेयरमैन धर्मेश जैन भी विशेष रूप से मौजूद रहे।

*दरगाह के प्रमुख सज्जादानशीनों की भागीदारी
दरगाह अजमेर शरीफ से जनाब सैयद मेहराज चिश्ती, सैयद अमान चिश्ती, सैयद अली जैद चिश्ती, सैयद सेरहान अली चिश्ती और सैयद अफशान चिश्ती (पूर्व सदस्य, राजस्थान मदरसा बोर्ड एवं मौलाना आज़ाद फाउंडेशन, नई दिल्ली) ने भी आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस भव्य आयोजन में 50,000 से अधिक अकीदतमंदों ने भाग लिया और सभी ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय धार्मिक नेताओं के शांति, एकता और सद्भाव के संदेश को सराहा।
*धर्मगुरुओं के संदेश
हाजी सैयद सलमान चिश्ती (गद्दीनशीन, दरगाह अजमेर शरीफ) ने कहा, “दरगाह अजमेर शरीफ सदियों से मानवता को प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देती आई है। यह इफ्तार चिश्ती संदेश ‘सभी से प्रेम करो, किसी से द्वेष मत रखो’ को और मजबूत करता है। हम सभी को मिलकर अंतरधार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना चाहिए।

पीठाधीश्वर गोस्वामी सुशील जी महाराज (अध्यक्ष, भारतीय सर्वधर्म संसद) ने कहा कि ऐसे आयोजन भारत की आध्यात्मिक एकता को दर्शाते हैं। हम सभी अलग-अलग मार्गों का अनुसरण कर सकते हैं, लेकिन हमारी मंजिल एक ही है प्रेम और शांति। अजमेर शरीफ इस सच्चाई का प्रतीक है। वहीं मोहंजी (संस्थापक, मोहंजी फाउंडेशन) ने कहा कि ‘सच्ची आध्यात्मिकता धर्म और राष्ट्र की सीमाओं से परे होती है। प्रेम और निःस्वार्थ सेवा की भावना ही हमें जोड़ती है। यह आयोजन इसी एकता की जीवंत मिसाल है।

प्रो. डेविड पेक (ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी, अमेरिका) ने कहा कि आस्था और भक्ति को लोगों को जोड़ना चाहिए, न कि उन्हें विभाजित करना। अजमेर शरीफ की मेहमाननवाजी और आध्यात्मिक ऊर्जा अंतरधार्मिक संवाद और आपसी सम्मान के लिए प्रेरित करती है। वहीं धर्मेश जैन (पूर्व यूआईटी चेयरमैन, अजमेर) ने कहा कि अजमेर शरीफ सदियों से धर्मों को जोड़ने का कार्य करता आ रहा है। यह आयोजन आपसी सौहार्द और समावेशी समाज की दिशा में एक प्रेरणास्रोत है।

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