मधेपुरा नगर परिषद के कार्य पालक अभियंता पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए 16 वार्ड पार्षदों ने डीएम से की जांच की मांग

रंजीत कुमार/मधेपुरा

मधेपुरा नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं धाँधली के आरोप-प्रत्यारोप की गहमागहमी के बीच 16 वार्ड पार्षदों का हस्ताक्षरित ज्ञापन के साथ पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला पदाधिकारी तरणजोत सिंह को ज्ञापन सौंप अपने स्तर से जाँच कमिटी का गठन कर नगर परिषद मधेपुरा में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।

वार्ड पार्षदों का आरोप है कि मधेपुरा नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी सुश्री तान्या कुमारी जनहित के कार्य को न करके नियम परिनियम को ताक पर रखकर नगर परिषद के सामान्य बोर्ड, सशक्त स्थाई समिति एवं प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही गुणवत्तावीहिन और स्टीमेट से कम सैकड़ों विभागीय (खुद से) बिना निविदा के कार्य करके करोड़ों रूपये की निकासी अवैध तरीके से की गई, जो जाँच का विषय है।

जिला पदाधिकारी को दिये गये ज्ञापन में पार्षदों ने आरोप लगाया है कि मधेपुरा नगर परिषद में कुल 16 प्याऊ में एक करोड़ चौवालीस लाख, अस्सी हजार रूपये की निकासी अवैध तरीके से की गई। जिसकी स्वीकृति न तो नगर परिषद के सामान्य बोर्ड एवं सशक्त स्थाई समीति से ली गई है। नगर परिषद मधेपुरा अंतर्गत लगभग एक वर्ष पूर्व ही एक करोड़ पच्चीस लाख रूपये का सीसीटीवी कैमरा अधिष्ठापित किया गया था। इसके बावजूद बिना निविदा, बिना नगर परिषद के सामान्य बोर्ड एवं सशक्त स्थाई समीति के सहमति से कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा विभागीय रूप से मरम्मती के नाम पर तीस लाख रूपये की अवैध निकासी की गई है।

नगर परिषद मधेपुरा में जिस शौचालय का निमार्ण लगभग एक वर्ष पूर्व ही 4 से 5 लाख रूपये में की गई, उसी शौचालय को बिना निविदा के विभागीय रूप से 7 से 12 लाख रूपये में सिर्फ जिर्णोद्धार के नाम पर करोड़ों रूपये की अवैध निकासी की गई है। वही चिल्ड्रेन पार्क अवस्थित शौचालय का जिर्णोद्धार के नाम पर सात लाख उनचास लाख रुपये की अवैध निकासी की गयी है। इसके अलावे प्रधानमंत्री आवास योजना में धाँधली के साथ साथ नगर परिषद में कार्यरत सहायक दीपक कुमार पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है।

वार्ड पार्षदों ने कहा कि नगर परिषद मधेपुरा के जनता के साथ हो रहे गुणवत्तविहीन कार्य एवं सरकारी राशि का बंदरबाँट हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। मांग पूरी नहीं होने पर हम नगर परिषद के मुख्य द्वार पर आमरण अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे।

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