Madhepura:नृत्य कला के क्षेत्र में देश दुनिया में मधेपुरा की है अलग पहचान।

Madhepura:जिला मुख्यालय के कृष्णापुरी मोहल्ला में नृत्यालय संस्थान एवं संगीतालय संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विश्व नृत्य दिवस 2025 के उपलक्ष्य पर संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रसार भारती एवं दूरदर्शन केन्द्र पटना से लोकनृत्य के क्षेत्र में ग्रेड प्राप्त कलाकार विकास कुमार एवं सृजन दर्पण के टीम के रंगकर्मी निखिल यदुवंशी, कमलकिशोर कुमार,सोहानी रानी, नैंसी कुमारी, मौसम कुमारी ने एक से बढ़कर एक लोकनृत्य प्रस्तुत कर मौजूद दर्शकों का दिल जीत लिया। मूख्य रुप से झिझिया, कंजरी, सामा-चकवा, बधेया, विद्यापति, बिदेसिया, गोधन, डोमकच, जाट-जटिन आदि शामिल हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ख्याति प्राप्त कलाकार बिकास कुमार ने कहा कि नृत्य हमें अपने भावनाओं को शब्दों के बिना व्यक्त करने का एक शक्तिशाली तरीका प्रदान करता है। भारतीय संस्कृति एवं धर्म आरंभ से ही मुख्यतः नृत्यकला से जुड़े रहे हैं। नृत्य हमें ईश्वर और प्रकृति के नजदीक ले जाता है। हम खुशी, दुख, प्रेम, क्रोध, या किसी अन्य भावना को नृत्य के माध्यम से व्यक्त कर करते है, जो हमें आंतरिक खुशी प्रदान करता है। आगे उन्होंने कहा कि अपने लोक संस्कृति को सहेजने में सदैव समर्पित रुप से लगेगै रहते हैं। अब स्कूलों में संगीत और नृत्य के शिक्षक है। छात्र-छात्राओं बड़ी संख्या में सीख भी रहे हैं। मैं यही कहना चाहता हूं कि नृत्य या नाटक कोई भी कला जरूर सीखें। इससे आपके व्यक्तित्व का विकास होता है। मेरे लिए नृत्य और नाटक एक आध्यात्मिक कार्य है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि हमारी संस्था सृजन दर्पण ने भी विभिन्न महोत्सव के प्रतिष्ठित मंचों से नृत्य को प्राथमिकता दिया है चाहे वह लोकनृत्य हो या शास्त्रीय नृत्य। अपनी माटी अपनी संस्कृति लोक-संस्कृति को आमजनों तक पहुंचाने में संस्था के कलाकारों का अहम योगदान रहा है। नृत्य कला के क्षेत्र में देश दुनिया में मधेपुरा की है अलग पहचान। लोक नृत्य के जरिए सृजन दर्पण टीम के रंगकर्मियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर परचम लहराते हुए कई कला क्षेत्र में सम्मान प्राप्त किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *