Madhepura:महाशिवरात्रि मेला और सिंहेश्वर महोत्सव के जिला प्रशासन एक बार फिर लापरवाह..राठौर

Madhepura:सिंहेश्वर में लगने वाले चर्चित महाशिवरात्रि मेला बंदोबस्ती की अभी तक डाक नहीं होने और दूसरी तरफ सिंहेश्वर महोत्सव की तैयारी की सुगबुगाहट भी नहीं होने पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला संयोजक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने संगठन की ओर से नाराजगी जाहिर करते हुए डीएम को पत्र लिख इसे पूरी तरह से जिला प्रशासन की उदासीनता बताया है और अविलंब युद्ध स्तर पर तैयारी की मांग की है।

*थियेटर और मौतकुंवा को बैन करना मेले की रौनकता पर चोट*

महाशिवरात्रि के मात्र सत्रह दिन शेष बचे होने पर भी डाक नहीं हो पाने पर राठौर ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे मेला के भव्य आयोजन की संभावना क्षीण होगी।जिला प्रशासन द्वारा मौतकुंवा और थियेटर पर रोक को दुखद बताते वाम युवा नेता राठौर ने कहा कि मेला मूलतः मनोरंजन का ही केंद्र होता है उसे उसी से वंचित करके नहीं लगाया जा सकता।प्रशासन अगर दायरे में थियेटर को अनुमति देगी और मौतकुंवा की इजाजत देगी तो मेला का आकर्षण भी बढ़ेगा।जिला प्रशासन के फैसले में दूरदर्शिता का अभाव है।

*सिंहेश्वर महोत्सव को आकर्षक और उपयोगी बनाने की नहीं होती पहल*

डीएम को लिखे पत्र में राठौर ने सिंहेश्वर महोत्सव के आयोजन को लेकर अभी तक पहल नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई है और कहा है कि जिले के सर्वाधिक बजट वाले महोत्सवों में से एक राजकीय सिंहेश्वर महोत्सव का आयोजन विगत कई वर्षों से महाशिवरात्रि के मौके पर होता रहा है इस साल जब महाशिवरात्रि को महज एक पखवाड़ा है तब भी कोई पहल नहीं शुरू हुई है ऐसे में महोत्सव में बड़े कलाकारों और अतिथियों के आने की संभावना जहां कम होगी वहीं पैसों का बंदरबांट भी होगा।स्मारिका प्रकाशन,अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने हेतु प्रचार प्रसार संभव नहीं होगा।राठौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि विगत कुछ वर्षों में जिला प्रशासन की यही रीत हो गई आखिरी समय में आनन फानन में आयोजन कर अगले साल पूरी तरह तैयारी का आश्वासन दे निकलने की।

*जिला प्रशासन की सुस्ती से बड़ी बड़ी हस्ती और सौगात से वंचित होती रही बाबा की नगरी*

एआईवाईएफ जिला संयोजक श्री राठौर ने जिला प्रशासन की सोच, संकल्प और कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राजकीय सिंहेश्वर महोत्सव को कभी सार्थक करने की पहल जिला प्रशासन ने नहीं दिखाई।वर्षों से जारी महोत्सव में अभी तक एक भी स्मारिका का प्रकाशन नहीं होना मंदिर,मेला से जुड़ी जानकारियों के संग्रह का माध्यम नहीं बन सका।महोत्सव की तैयारी आखिरी समय में शुरू होने से सरकार के बड़े चेहरों के नाम कार्ड पर तो होते हैं लेकिन महोत्सव में नहीं आने से इस क्षेत्र के विकास से जुड़ी घोषणाओं का लाभ नहीं होता वहीं कम समय में तैयारी से राजकीय महोत्सव के मंच के लायक पहले लाइन के हस्तियों को सुनने का मौका नहीं हाथ लगता।राठौर ने कहा कि यह महोत्सव बड़े सौभाग्य से मिला है जिसे सार्थक करने के बजाय प्रशासनिक उदासीनता के भेंट चढ़ना बर्दास्त नहीं किया जा सकता।राठौर ने जिला प्रशासन से मांग किया कि अविलंब मेला और महोत्सव के प्रति सक्रिय पहल हो साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगों को भी जोड़ने की पहल हो जिसको लेकर समय समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं।

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