नवादा में पहली बार लकवा ग्रसित मरीज़ का बिना बेहोश किये की गई ब्रेन की सर्जरी, उम्मीद छोड़ चुके परिजनों में खुशी, नालंदा के बिहार शरीफ से आया था मरीज
Report by Nawada News Xpress
नवादा / सूरज कुमार
कहा जाता है कि डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप होता है, इस वाक्या को नवादा के धर्मशीला देवी अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश कुमार ने साबित कर दिया। दरअसल, नालंदा जिले के बिहार शरीफ निवासी 70 वर्षीय रामजी बीन को जब धर्मशीला देवी अस्पताल लाया गया तब वो कोमा में थे।
एक सड़क दुर्घटना में उनके शरीर के दाहिने हिस्से में अंदुरनी चोट लगी थी, जिसके चलते वो बेहोश हो गये थे। रामजी बीन के परिजन उन्हें किसी निजी अस्पताल में ले गये जहां, उन्हें बताया गया कि मरीज़ के शरीर के दाहिने हिस्से में लकवा मार दिया है और उनका ठीक होना असंभव है। धीरे-धीरे मरीज की हालत बिगड़ते गई और वो कोमा में चले गये।
न्यूरोसर्जन डॉ ब्रजेश की टीम के अथक प्रयास से मरीज को मिला जीवन दान
रामजी बीन के परिजन फिर उन्हें नवादा के धर्मशीला देवी अस्पताल ले कर आये जहां, डॉ ब्रजेश और उनकी टीम ने मरीज की गहन जांच की। सिटी स्कैन में पाया गया कि ब्रेन के बाएं हिस्से मे गंभीर चोट था, जिसके चलते मिड लाइन शिफ्ट था और ब्रेन में सूजन हो गया था। इन्ही कारणों से मरीज को लकवा मार दिया था और वो कोमा में चले गये थे।
न्यूरो सर्जन डॉ ब्रजेश ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या थी कि मरीज की उम्र और हार्ट एवं अन्य समस्या के चलते मरीज अनेसथीसिया बर्दास्त करने की हालत में नहीं था। फिर क्रिटिकल केयर टीम के साथ उन्होंने मरीज को लोकल अनेसथीसिया देकर बर होल पद्धति से ब्रेन की सर्जरी की। ऑपरेशन के तीन घंटे के बाद ही मरीज़ को होश आ गया और अब वह बिलकुल ठीक है तथा आराम से चल बोल रहे हैं।
मरीज के पुत्र ने कहा यहां के चिकित्सक मेरे लिए हैं भगवान
मरीज के पुत्र ने डॉ ब्रजेश का धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां के चिकित्सक मेरे लिए भगवान हैं। यह ऑपरेशन किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि हम सभी ने उम्मीद छोड़ दी थी और सब को लगता था कि उनका बचना मुश्किल है। लेकिन, अब वो बेहद खुश हैं कि उनके पिता अब बिल्कुल स्वस्थ हैं और आराम से चल फिर रहे हैं।
वहीं हॉस्पिटल के चेयरमैन अविनाश सिंह ने कहा कि हमने नवादा में धर्मशीला देवी हॉस्पिटल की स्थापना लोगों के जीवन बचाने के लिए किया है। यहां बड़े-बड़े अस्पतालों जैसी सुविधाएं उपलब्ध है। साथ ही यहां भारत सरकार के आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ दिया जा रहा है, ताकि गरीब मरीज भी बड़े अस्पतालों जैसी हाइटेक सुविधा का लाभ ले सके।