मुफ्त जांच और दवा वितरण शिविर का आयोजन
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि सप्ताह के दूसरे दिन मुंगेर सदर अस्पताल स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में निःशुल्क जांच और दवा वितरण के शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्घाटन मुंगेर सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. निरंजन प्रसाद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की दिशा में पहल
इस अवसर पर डॉ. निरंजन प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा संचालित इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को ब्रांडेड दवाओं से जुड़े वित्तीय बोझ के बिना आवश्यक दवाएं उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी दवाओं को सुलभ बनाकर समुदायों को सशक्त बनाते हैं और पूरे देश में स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देते हैं।
चिकित्सकों का योगदान
शिविर में जांच कर रहे चिकित्सक डॉ. असीम ने कहा कि भारत में औषधि केंद्रों का उद्देश्य लोगों को अधिक सशक्त बनाना और स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच बढ़ाना है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। वहीं, डॉ. रामकृष्ण भारद्वाज ने कहा कि पीएमबीजेपी इस बात को सुनिश्चित करता है कि उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं हर नागरिक तक पहुंचे, जिससे देश में स्वास्थ्य परिणामों में सकारात्मक बदलाव आए।
स्वास्थ्य सेवा को व्यापक रूप देने का संकल्प
डॉ. अर्चना ने इस परियोजना को अत्यंत कारगर बताते हुए लोगों से अपील की कि वे इस पहल का अधिकतम लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल किफायती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करती है बल्कि यह स्वास्थ्य जागरूकता भी बढ़ाती है।
सम्मान और प्रशंसा
इस अवसर पर सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. निरंजन कुमार, डॉ. रामकृष्ण भारद्वाज, डॉ. असीम कुमार और डॉ. अर्चना कुमारी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के संचालक राकेश कुमार ने कहा कि कम समय में इस केंद्र ने लोगों के बीच अपनी व्यापक पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना का लक्ष्य बेहतर और सुलभ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।
जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के बिहार के नोडल पदाधिकारी कुमार पाठक ने कहा कि इस सप्ताह का एक मुख्य लक्ष्य जनता को जेनेरिक दवाओं के लाभों के प्रति जागरूक बनाना है। उन्होंने बताया कि यह पहल इस मिथक को तोड़ने में सहायक है कि महंगी दवाएं ही बेहतर होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य पेशेवरों, विशेषकर सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों को जेनेरिक दवाओं को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित कर रही है ताकि लागत प्रभावी उपचार विकल्पों को बढ़ावा दिया जा सके।
स्वास्थ्य परीक्षण और अन्य गतिविधियां
शिविर में चिकित्सकीय जांच कर रहे चिकित्सकों को प्रफुल्ल चंद्र मिश्रा और मोहम्मद शब्बीर ने सहयोग प्रदान किया। इस दौरान रक्तचाप, शुगर और हृदय से संबंधित जांच की गई।
सामाजिक संगठनों की भागीदारी
शिविर में मुंगेर जिला वैश्य महासभा के संजय पोद्दार, गोविंद्र कुमार, रघुवंश नारायण सिंह, ललित, विक्की घोष, अरविंद कुमार, चुन्नू जी सहित जीविका दीदी ने सक्रिय भाग लिया। इनकी भागीदारी ने इस आयोजन को और अधिक प्रभावी और सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना का भविष्य
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और सरकार इसका दायरा और अधिक बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इस परियोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का हर नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सके और जीवन को स्वस्थ एवं सशक्त बना सके।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि सप्ताह के तहत आयोजित इस शिविर का उद्देश्य न केवल मुफ्त दवा और जांच प्रदान करना था, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना भी था। यह पहल न केवल गरीब और वंचित वर्ग के लिए फायदेमंद है बल्कि पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक प्रभावी और सशक्त बनाने में सहायक है।