मुंगेर में एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन हुआ, जिसमें मारवाड़ी समाज के लोगों ने खाटू श्याम जी की भव्य निशान शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक थी, बल्कि सामाजिक एकता और सामूहिक श्रद्धा का भी एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करती है। इस आयोजन में न केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय और उमंग से भर गया।
निशान शोभायात्रा का आयोजन:
मुंगेर में हर साल की तरह इस वर्ष भी मारवाड़ी युवा मंच के बैनर तले खाटू श्याम जी की भव्य निशान शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा खासतौर पर होली के चार दिन पहले निकाली जाती है, जिससे इसमें धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व दोनों ही समाहित होते हैं। मारवाड़ी समाज के लोग इस दिन को बेहद श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं, और पूरे शहर में धार्मिक भक्ति का माहौल बन जाता है।
शोभायात्रा का मार्ग और यात्रा का स्वरूप:
यह शोभायात्रा श्याम मंदिर से शुरू होकर पूरे शहर का भ्रमण करती है। शोभायात्रा के दौरान लोग पीले वस्त्र पहनकर तैयार होते हैं, जो कि श्याम बाबा के प्रति उनकी श्रद्धा और भक्ति को दर्शाते हैं। इस दौरान सभी श्रद्धालु खाटू श्याम के झंडे, पताकाओं और निशान के साथ यात्रा में सम्मिलित होते हैं। इस भव्य यात्रा में शामिल लोग श्याम बाबा के भजनों पर झूमते हैं और जयकारे लगाते हैं, जिससे वातावरण में भक्ति का माहौल बना रहता है।
भक्ति का माहौल और कलाकारों की भूमिका:
इस शोभायात्रा के दौरान बाहर से आए कलाकारों ने अपनी नृत्य और संगीत प्रस्तुतियों से वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया। कलाकारों के नृत्य और संगीत ने श्रद्धालुओं को और भी उत्साहित किया और उनकी भक्ति को और भी प्रगाढ़ किया। इस अवसर पर वातावरण में शांति और भक्तिरस का मिश्रण था, जो लोगों को शांति और आंतरिक खुशी का अहसास कराता था।
प्रदर्शन और आरती:
जब शोभायात्रा श्याम मंदिर परिसर में लौट आई, तो वहां पर खाटू श्याम जी की विशेष आरती और पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। श्रद्धालु और भक्तगण एकत्रित होकर अपने प्रभु को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस दौरान प्रार्थना और भजन का आयोजन किया गया, जिससे सभी का मन भक्तिमय हो गया।
प्रदीप वर्मा का संदेश:
प्रदीप वर्मा ने इस अवसर पर बताया कि आज फागुन माह का द्वादश और बाबा का अवतरण दिवस है। इस दिन को विशेष रूप से खाटू श्याम बाबा की पूजा और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस भव्य निशान शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। उनका कहना था कि इस दिन की महत्वता इसलिए भी है क्योंकि बाबा श्याम का अवतरण इसी दिन हुआ था और यही कारण है कि इस दिन को श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।