दरअसल मुंगेर विश्वविद्यालय के लगभग 14 संबद्ध कॉलेजों में नामांकित विद्यार्थी खुद विश्वविद्यालय के उपेक्षाओं का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि संबद्ध कॉलेजों में आये दिन विद्यार्थियों से शैक्षणिक प्रक्रियाओं के दौरान अतिरिक्त राशि वसूली जा रही है। जबकि इसे लेकर राजभवन के आदेश के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह मौन बना है। बता दें कि एमयू के अंतर्गत पांच जिले मुंगेर, खगड़िया, लखीसराय, जमुई और शेखपुरा में कुल 17 अंगीभूत एवं 14 संबद्ध कॉलेज संचालित हैं।
जिसमें 17 अंगीभूत कॉलेजों पर तो विश्वविद्यालय का सीधा कंट्रोल है, लेकिन संबद्ध कॉलेजों के मामले में विश्वविद्यालय पूरी तरह उदासीन बना है। हाल यह है कि संबद्ध कॉलेज के विद्यार्थी जहां विश्वविद्यालय के निर्धारित शुल्क अंगीभूत कॉलेजों के विद्यार्थियों की तरह ही भर रहे हैं। वहीं संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रक्रिया के लिये अतिरिक्त कॉलेजों में भरना पड़ रहा है।
हाल यह है कि संबद्ध कॉलेज सरकार से अनुदान नहीं मिलने की बात कहकर प्रत्येक शैक्षणिक प्रक्रियाओं के दौरान विद्यार्थियों से ही अतिरिक्त राशि ले रहे हैं। यह हाल तब है, जब खुद राजभवन द्वारा कॉलेजों में विद्यार्थियों से निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार की राशि नहीं लेने का निर्देश दिया है।
संबद्ध कॉलेजों को लेकर विश्वविद्यालय पूरी तरह उदासीन
एमयू के संबद्ध कॉलेजों में नामांकन
वही परीक्षा फॉर्म या रजिस्ट्रेशन के दौरान दस्तावेज सत्यापन आदि के लिये विद्यार्थियों से अतिरिक्त राशि ली जा रही है। जिसका विडियो आये दिन सोशल मीडिया पर वायरल होता है। वहीं कई बार विद्यार्थियों द्वारा भी इसकी शिकायत की जाती है, लेकिन अधिकांश मामलों में कार्रवाई नहीं होने के कारण लगातार संबद्ध कॉलेजों में विद्यार्थियों से अतिरिक्त राशि ली जा रही है।
बीते दिनों भी सत्र 2024-28 स्नातक सेमेस्टर-1 के लिये परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान कई संबद्ध कॉलेजों में अतिरिक्त राशि लिये जाने का मामला सामने आया। जिसका विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जबकि इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी दी गयी, लेकिन मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
कहते हैं प्रभारी कुलसचिव
वही इस मामले में प्रभारी कुलसचिव प्रो. भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि संबद्ध कॉलेजों को अतिरिक्त राशि विद्यार्थियों से नहीं लेने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद कॉलेजों द्वारा राशि लिये जाने का मामला सामने आता है। विद्यार्थियों की शिकायत पर कॉलेजों के विरूद्ध कार्रवाई की गयी है।