मुंगेर जिले के सदर अस्पताल परिसर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 100 बेड का मॉडल अस्पताल बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। इस मॉडल अस्पताल का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 05 फरवरी को बड़े ही धूमधाम से किया था। उद्घाटन समारोह में स्वास्थ्य सेवा को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही गई थीं और उम्मीद जताई गई थी कि इस अस्पताल के चालू होते ही आम लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। लेकिन उद्घाटन के कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी इस मॉडल अस्पताल में मरीजों का इलाज शुरू नहीं हो सका। इसका प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि भवन निर्माण कार्य से जुड़ी एजेंसी ने अब तक अस्पताल को औपचारिक रूप से स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं किया है।
एजेंसी ने किया हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह
मॉडल अस्पताल के निर्माण का जिम्मा जिस एजेंसी को सौंपा गया था, वह है बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल)। इस एजेंसी के परियोजना प्रबंधक सुमित कुमार ने जानकारी दी है कि अस्पताल का निर्माण कार्य पूरी तरह संपन्न हो चुका है। चार मंजिला इस भवन में सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों को स्थापित कर दिया गया है। इसके साथ ही अस्पताल को संचालन के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। एजेंसी ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से सिविल सर्जन से अनुरोध किया है कि भवन की जांच कर शीघ्र ही उसे स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर ले लिया जाए ताकि मरीजों के इलाज की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
सिविल सर्जन ने गठित की जांच समिति
एजेंसी द्वारा भेजे गए पत्र के आलोक में सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने तुरंत एक चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में तीन अनुभवी चिकित्सा पदाधिकारी और एक स्टोर इंचार्ज को शामिल किया गया है। जांच समिति को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे मॉडल अस्पताल भवन और उसमें लगाए गए उपकरणों की बारीकी से जांच करें और अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करें। इस रिपोर्ट के आधार पर ही यह निर्णय लिया जाएगा कि भवन को एजेंसी से आधिकारिक रूप से हैंडओवर लिया जा सकता है या नहीं। सिविल सर्जन ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट यदि संतोषजनक पाई गई, तो अस्पताल को तुरंत संचालन के लिए तैयार कर लिया जाएगा।
उपकरणों की गुणवत्ता और भवन संरचना की हो रही गहन जांच
समिति द्वारा जांच के दौरान यह देखा जा रहा है कि अस्पताल के भीतर लगाए गए सभी उपकरण चालू हालत में हैं या नहीं। इसके साथ ही भवन की संरचना, सुरक्षा मानकों, पानी-बिजली की सुविधा और साफ-सफाई जैसे बुनियादी पहलुओं की भी गहनता से समीक्षा की जा रही है। अस्पताल के चार मंजिला भवन में विभिन्न विभागों की व्यवस्था की गई है, जिनमें आपातकालीन सेवा, प्रसूति विभाग, बाल चिकित्सा विभाग, ओपीडी और आईपीडी शामिल हैं।
जिलेवासियों को मिलेगी राहत
मुंगेर जिले के नागरिकों को लंबे समय से एक बड़े और अत्याधुनिक अस्पताल की आवश्यकता महसूस हो रही थी। अब जब यह मॉडल अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है, तो सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि इलाज की प्रक्रिया कब शुरू होगी। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो जाँच रिपोर्ट आने के कुछ ही दिनों के भीतर अस्पताल का संचालन आरंभ कर दिया जाएगा। इससे जिलेवासियों को इलाज के लिए पटना या अन्य बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
निष्कर्ष: अब उम्मीद की किरण
अंततः, यह कहा जा सकता है कि मॉडल अस्पताल के संचालन की दिशा में अब ठोस पहल शुरू हो चुकी है। जांच समिति की रिपोर्ट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। जैसे ही रिपोर्ट संतोषजनक पाई जाती है, भवन को स्वास्थ्य विभाग द्वारा हैंडओवर लेकर मरीजों का इलाज आरंभ कर दिया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मुंगेर एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा और हजारों लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।