बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। गुरुवार की देर शाम को हुई इस घटना में एक मासूम बच्ची की जान चली गई। मृत बच्ची की पहचान लड़ैयाटांड़ थाना क्षेत्र के महगामा पंचायत अंतर्गत खजुरिया गांव निवासी शिव कुमार की 10 वर्षीय पुत्री नंदनी कुमारी के रूप में हुई है।
मौसम की मार: खेत से लौटते समय हुआ हादसा
घटना उस समय घटी जब नंदनी अपने गांव की बहियार (खेत) से लौट रही थी। उस दौरान मौसम अचानक खराब हो गया और तेज हवाओं के साथ गरज-चमक शुरू हो गई। नंदनी, जो आम दिनों की तरह बहियार से घर लौट रही थी, उसी दौरान खजुरिया गांव स्थित एक आम के पेड़ के पास पहुंची थी। तभी अचानक तेज आवाज के साथ बिजली गिरी और वह उसकी चपेट में आ गई।
बज्रपात की चपेट में आने से बच्ची हुई मूर्छित
बिजली गिरने से नंदनी अचानक ज़मीन पर गिर पड़ी और मूर्छित हो गई। वह बुरी तरह झुलस गई थी और उसके शरीर पर जलने के निशान भी देखे गए। इसी दौरान एक स्थानीय महिला, जो उसी रास्ते से पीछे आ रही थी, ने नंदनी को देखा और उसे तुरंत उठाकर गांव ले गई।
ग्रामीणों और परिजनों की तत्काल प्रतिक्रिया
गांव पहुंचते ही महिला ने पूरे गांव को घटना की जानकारी दी। यह खबर सुनते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। परिजन नंदनी को तुरंत एक स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक के पास लेकर गए। लेकिन वहां पहुंचने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह सुनते ही पूरे परिवार पर मानो पहाड़ टूट पड़ा। मां की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
नंदनी अपने माता-पिता की पांच संतान में सबसे छोटी थी। उसके तीन भाई और दो बहनें हैं। वह चौथी कक्षा में पढ़ती थी और पढ़ाई में भी काफी तेज मानी जाती थी। परिजन बताते हैं कि वह बहुत होशियार और शांत स्वभाव की थी। उसकी असमय मौत ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया है।
गांव में छाया मातम, ग्रामीण स्तब्ध
इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे खजुरिया गांव में मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने भी बच्ची के अचानक चले जाने पर शोक व्यक्त किया है। हर किसी की आंखें नम हैं और लोग इस घटना को ईश्वर की क्रूरता मान रहे हैं। कुछ लोगों ने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा अब इंसानों के जीवन के लिए कितना घातक हो सकता है, इसका एक और उदाहरण है।
प्रशासन से मदद की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतक बच्ची के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है ताकि वह इस दुख की घड़ी में थोड़ी राहत पा सकें। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है।