मुंगेर का सदर अस्पताल हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहता है। यह अस्पताल अपने इलाज की व्यवस्था से अधिक, आए दिन होने वाली अव्यवस्थाओं और विवादों के कारण चर्चा में रहता है। खास तौर पर अस्पताल परिसर के बाहर खड़े प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों का व्यवहार, मरीजों को मनमाने तरीके से बाहर के निजी अस्पतालों में भेजना और डॉक्टरों के निर्देशों की अनदेखी जैसे मामले बार-बार सामने आते रहते हैं।
बीती रात की घटना
बीती रात एक बार फिर ऐसी ही घटना घटित हुई, जिसने अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, देर रात ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर रौशन के साथ एक प्राइवेट एम्बुलेंस चालक और मरीज के परिजनों के बीच जमकर बहस हुई। यह बहस धीरे-धीरे बढ़ती गई और देखते ही देखते बात हाथापाई तक जा पहुंची। घटनास्थल पर काफी देर तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
मरीज को बिना रेफर किए निजी अस्पताल ले जाया गया
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब एक मरीज, जिसे सदर अस्पताल में भर्ती किया गया था, को बिना डॉक्टर की अनुमति और रेफर किए हुए एक प्राइवेट एम्बुलेंस चालक द्वारा किसी निजी अस्पताल पहुंचा दिया गया। यह सब मरीज के परिजनों की सहमति से हुआ। डॉक्टर रौशन जब इस बात से अवगत हुए तो उन्होंने अस्पताल में मौजूद मरीज के परिजनों से पूछा कि जब मरीज का इलाज यहां संभव था, तो उसे निजी अस्पताल क्यों ले जाया गया?
विवाद और हाथापाई
डॉक्टर के इस सवाल पर परिजन भड़क गए और डॉक्टर के साथ बहस शुरू हो गई। कुछ ही देर में यह बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। अस्पताल के अंदर चीख-पुकार और धक्का-मुक्की का माहौल बन गया। यह पूरा दृश्य अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
सुरक्षा गार्डों की भूमिका
अस्पताल में मौजूद सुरक्षा गार्डों ने तुरंत मोर्चा संभाला और स्थिति को काबू में करने की कोशिश की। हालांकि, गार्डों के सामने भी धक्का-मुक्की जारी रही। हालात को और बिगड़ते देख डॉक्टर द्वारा तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। 112 नंबर पर कॉल करने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया।
सीसीटीवी फुटेज आया सामने
इस पूरी घटना का वीडियो अब सामने आ गया है, जो अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ था। इस फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे विवाद हुआ, किसने किसके साथ हाथापाई की और किस तरह अस्पताल का माहौल बिगड़ा।
कार्रवाई की मांग
डॉक्टर रौशन ने इस मामले की लिखित शिकायत वरीय पदाधिकारी एवं कोतवाली थाना में कर दी है। अस्पताल प्रबंधन अब मामले की जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं, इस घटना के सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं।