मुंगेर जिले में वर्ष 2021 में घटित एक जघन्य हत्या के मामले में न्याय का फैसला आज सुनाया गया। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायधीश आलोक गुप्ता की अदालत ने दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह निर्णय सत्र वाद संख्या 284/2021 के अंतर्गत मुंगेर व्यवहार न्यायालय में सुनाया गया। इस निर्णय से पीड़ित परिवार को थोड़ी राहत मिली है और समाज में एक संदेश गया है कि अपराध करके कोई भी व्यक्ति कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।
हत्या की घटना और उसका पृष्ठभूमि
यह पूरा मामला मुंगेर जिले के बरियारपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांधीपुर गांव का है, जहां 16 अगस्त 2021 की शाम एक बेहद दुखद घटना घटी थी। गांव निवासी अरुण कुमार अपने घर के दरवाजे पर बैठे हुए थे कि तभी सुमन कुमार और मनीष कुमार नामक दो युवक मोटरसाइकिल से वहां पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुमन कुमार ने अपने साथी मनीष कुमार को आदेश दिया, और मनीष ने कमर से पिस्तौल निकाल कर अरुण पर गोली चला दी। गोली अरुण के पेट में जा लगी और वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
इलाज के दौरान हुई पीड़ित की मृत्यु
घटना के तुरंत बाद जख्मी अरुण को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स अस्पताल रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान अरुण की मृत्यु हो गई। पुलिस ने इस पूरे मामले में बरियारपुर थाना कांड संख्या 97/2021 दर्ज किया और जांच शुरू की।
हत्या के पीछे की वजह
पुलिस की जांच और अभियोजन पक्ष की दलीलों से यह स्पष्ट हुआ कि हत्या के पीछे पारिवारिक विवाद की एक गहरी रंजिश थी। जानकारी के अनुसार, आरोपी सुमन कुमार का अपनी भाभी से झगड़ा चल रहा था। मृतक अरुण कुमार ने इस झगड़े में समझदारी दिखाते हुए सुमन को सलाह दी कि वह आपसी विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाए। इसी बात से सुमन नाराज़ हो गया और उसने अरुण को जान से मारने की धमकी दी थी। अंततः इस गुस्से और रंजिश ने हत्या का रूप ले लिया।
न्यायालय का निर्णय
इस संवेदनशील मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक मोहम्मद शमीम अनवर ने अपने तर्क और साक्ष्यों के आधार पर अदालत को यह यकीन दिलाया कि दोनों आरोपी दोषी हैं। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने सुमन कुमार और मनीष कुमार को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों को पचास-पचास हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।
अतिरिक्त सजा आर्म्स एक्ट में
मनीष कुमार को अदालत ने आर्म्स एक्ट के अंतर्गत दोषी पाया और तीन वर्षों की अतिरिक्त सजा सुनाई। इसके साथ ही उस पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। हालांकि यह सजा आजीवन कारावास के साथ-साथ चलेगी।