मुंगेर में मिनी गण फैक्ट्री का खुलासा, हथियार बनाते तीन गिरफ्तार, एसपी का बड़ा खुलासा

मुंगेर जिले का दियारा क्षेत्र इन दिनों अवैध हथियार निर्माण और तस्करी का गढ़ बनता जा रहा है। भले ही पुलिस समय-समय पर छापेमारी कर रही हो, लेकिन यह इलाका अपराधियों के लिए अभी भी सैफ ज़ोन बना हुआ है। गंगा नदी के किनारे फैले इस इलाके में अपराधियों को पुलिस की सीधी निगरानी से बचने का भरपूर मौका मिलता है। यही वजह है कि यहां हथियार निर्माण की फैक्ट्रियां गुपचुप तरीके से संचालित हो रही हैं।

पुलिसिया दबिश का कोई असर नहीं, फल-फूल रहा अवैध कारोबार

मुंगेर पुलिस लगातार दियारा क्षेत्र में छापेमारी कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भी अवैध हथियार निर्माण का यह धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में पुलिस ने एक बार फिर दियारा में चल रही मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इस दौरान पुलिस ने हथियार बना रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से तीन तैयार पिस्टल, चार बेस मशीन और बड़ी मात्रा में हथियार निर्माण के उपकरण बरामद किए गए हैं।

गंगा किनारे का 56 किलोमीटर का इलाका बना अपराध का अड्डा

मुंगेर जिला गंगा नदी के किनारे लगभग 56 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इस तटीय क्षेत्र को “दियारा” कहा जाता है। यह इलाका मुख्य भूमि से अलग होने और दुर्गम होने की वजह से पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण बना रहता है। अपराधी इसी का फायदा उठाकर गंगा के बीच खाली पड़ी ज़मीन पर अस्थायी हथियार निर्माण इकाइयाँ चला रहे हैं। मुंगेर पुलिस के अनुसार, ये स्थान अपराधियों के लिए सुरक्षित शरणस्थली की तरह कार्य कर रहे हैं।

पुलिस का ताजा ऑपरेशन: STF और मुफ्फसिल थाना की संयुक्त कार्रवाई

ताजा मामले में मुंगेर के मुफ्फसिल थाना पुलिस ने STF (Special Task Force) की मदद से तारापुर दियारा क्षेत्र में चल रही एक मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई में पुलिस ने सौरभ कुमार, विपिन कुमार और राजा राम कुमार नामक तीन लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग गंगा के बीच खाली पड़े क्षेत्र में हथियार निर्माण कर रहे थे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बावजूद कई अन्य अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार होने में सफल हो गए।

गिरफ्तार अपराधियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और उपकरण बरामद

पुलिस ने मौके से चार बेस मशीनें, तीन तैयार पिस्टल, एक जिंदा कारतूस और हथियार निर्माण के लिए प्रयुक्त होने वाले कई उपकरण बरामद किए। इनमें से एक आरोपी का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है, जिससे साफ होता है कि यह अवैध कारोबार किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि एक संगठित गिरोह का हिस्सा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी ने दी विस्तृत जानकारी

मुंगेर के पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दियारा क्षेत्र में अवैध हथियार निर्माण को रोकने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पिछले एक माह में पुलिस ने तीन मिनी गन फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है और अब तक दस से अधिक हथियार निर्माताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बरामद हुए अर्धनिर्मित और तैयार हथियार

एसपी ने बताया कि इन गिरफ्तारियों के दौरान पुलिस ने न केवल तैयार हथियार बरामद किए हैं, बल्कि बड़ी संख्या में अर्धनिर्मित हथियार और निर्माण में उपयोग आने वाले पुर्जे और उपकरण भी जब्त किए हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि यह कोई छोटा-मोटा ऑपरेशन नहीं, बल्कि सुनियोजित और संगठित अपराध है।

दियारा में स्थापित हुआ बी सैप का कैंप

अवैध हथियार निर्माण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से पुलिस ने दियारा क्षेत्र में बी सैप (Bihar Special Armed Police) का कैंप स्थापित किया है। इससे स्थानीय स्तर पर पुलिस की उपस्थिति बनी रहती है और अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखने में मदद मिल रही है। एसपी मसूद का कहना है कि इस कैंप की स्थापना से अवैध हथियार निर्माण में काफी हद तक कमी आई है, लेकिन अभी भी चुनौतियाँ बाकी हैं।

स्थानीय पुलिस को चाहिए और तकनीकी सहायता

मुंगेर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस की लगातार दबिश के बावजूद अपराधियों की सक्रियता इस बात की ओर इशारा करती है कि पुलिस को तकनीकी रूप से और अधिक मजबूत किए जाने की जरूरत है। ड्रोन निगरानी, सैटेलाइट ट्रैकिंग और स्थानीय मुखबिर तंत्र को और बेहतर बनाना समय की मांग है।

निष्कर्ष: अवैध हथियार तस्करी पर लगाम जरूरी

मुंगेर के दियारा क्षेत्र में अवैध हथियार निर्माण का सिलसिला कोई नया नहीं है, लेकिन इसकी निरंतरता चिंताजनक है। यह न केवल स्थानीय कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि पूरे बिहार और देश के अन्य हिस्सों में फैलने वाले अपराधों को भी बढ़ावा देता है। पुलिस की मुहिम सराहनीय है, लेकिन इस पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर काम करना होगा।

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