बिहार की सबसे लंबी धार्मिक यात्रा: जयमंगला वाहिनी ने 70 किमी लंबी समरसता यात्रा निकाली

बेगूसराय, बिहार – अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर जयमंगला वाहिनी परिवार द्वारा आयोजित की गई एक ऐतिहासिक धार्मिक यात्रा ने बिहार में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह यात्रा जयमंगला गढ़ (बेगूसराय) से मोकामा के परशुराम मंदिर तक लगभग 70 किलोमीटर की दूरी तय कर निकाली गई, जो राज्य की सबसे लंबी धार्मिक यात्रा मानी जा रही है।

परशुराम जयंती पर भव्य समरसता यात्रा

भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के अवसर पर निकाली गई इस यात्रा की शुरुआत जयमंगला माता की पूजा-अर्चना के साथ हुई। श्रद्धालुओं ने भगवा ध्वज, भगवान परशुराम की तस्वीरों और कटआउट के साथ जयघोष करते हुए समरसता और सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया।

इस यात्रा ने मंझौल, राजौरा, मोहनपुर, पन्हास, हर हर महादेव चौक, जीरोमाइल, बीहट, सिमरिया, हाथीदह होते हुए मोकामा मंदिर तक अपना सफर तय किया। जगह-जगह पर स्थानीय लोगों ने जलपान, शरबत और लस्सी से श्रद्धालुओं का स्वागत किया।

यात्रा में विभिन्न प्रतिष्ठित लोगों की सहभागिता

इस पवित्र यात्रा में बेगूसराय नगर निगम की महापौर पिंकी देवी, पूर्व महापौर संजय सिंह, समाजसेवी सोनू शंकर और संजय गौतम जैसे प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया और आयोजकों को बधाई देते हुए हौसला बढ़ाया।

यात्रा का नेतृत्व अमर गौतम और अंचल गौतम ने किया, जिन्होंने बताया कि यह धार्मिक यात्रा वर्ष 2017 से हर साल आयोजित की जा रही है और इसका उद्देश्य मिथिला और मगध की संस्कृति को एक सूत्र में पिरोना है।

धार्मिक और सांस्कृतिक संदेश के वाहक बने युवा

यात्रा के दौरान सुमित कुमार और अभिजीत रंजन ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ आस्था ही नहीं बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजने का प्रयास है।
अवनीश कुमार उर्फ सिंह मालिक और शिवम ने इसे सांस्कृतिक एकता की यात्रा बताया, जिसमें पूरे बिहार के सहयोग की भावना को दर्शाया गया।

युवा कार्यकर्ताओं मनीष कुमार, शुभम कुमार, अमन, सोनू कुमार और केशव ने भगवान परशुराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जीवन साहस, न्याय और धर्म की रक्षा के लिए समर्पित रहा है।

आगामी वर्षों में भी यात्रा जारी रखने का संकल्प

जयमंगला वाहिनी परिवार के अध्यक्ष महेश वत्स ने यात्रा में योगदान देने वाले सभी लोगों—अंचल गौतम, अमर गौतम, हरिओम, सोनू, आकाश, सुमित, अभिजीत रंजन, अवनीश कुमार और अन्य कार्यकर्ताओं—का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस धार्मिक यात्रा को हर वर्ष और भव्य तरीके से आयोजित करने की बात कही।

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