डरिए मत! 7 मई को बजेगा जंग वाला सायरन – जानिए क्यों

नई दिल्ली: यदि 7 मई को अचानक आपके इलाके में जंग जैसा सायरन बजने लगे 🚨 तो डरिए नहीं! दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है कि 7 मई को देशव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की जाए। यह कदम पहल्गाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और नए तथा जटिल खतरों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

क्या होगा इस मॉक ड्रिल में?

गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि इस मॉक ड्रिल में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होंगी:

  • जंग वाले सायरन का परीक्षण
  • हवाई हमले की चेतावनी के सिमुलेशन
  • नागरिकों को आत्मरक्षा और सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी
  • बंकरों और खाइयों की सफाई और उनका निरीक्षण

जंग वाला सायरन कहां बजेगा?

जंग या आपात स्थिति का संकेत देने वाला सायरन आमतौर पर निम्न स्थानों पर लगाया गया होता है:

  • प्रशासनिक भवन (जैसे कलेक्टरेट या सचिवालय)
  • पुलिस मुख्यालय और थाने
  • फायर स्टेशन
  • सैन्य ठिकाने और कैंप
  • भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थान
  • दिल्ली, नोएडा जैसे संवेदनशील शहरी इलाके

क्या पहले भी ऐसा हुआ है?

भारत में इतिहास में कई बार जंग वाले सायरन का प्रयोग किया गया है:

  • 1962: चीन-भारत युद्ध
  • 1965 और 1971: भारत-पाक युद्ध
  • 1999: कारगिल युद्ध के दौरान सीमावर्ती इलाकों में
    इन सभी मौकों पर नागरिकों को अलर्ट करने के लिए सायरन का उपयोग हुआ था।

क्या करें जब बजे सायरन?

👉 घबराएं नहीं
👉 किसी भी अफवाह से बचें
👉 स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें
👉 यदि निर्देश मिले तो बंकर या सुरक्षित स्थान पर जाएं

यह मॉक ड्रिल पूरी तरह से सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने और आपदा प्रबंधन की तैयारी को परखने के लिए है। इसे गंभीरता से लें लेकिन डरें नहीं।

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