Barbigha:-जिले के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तेउस गांव में रविवार से श्री राम महायज्ञ एवं साई महोत्सव का शुभारंभ हो गया.दस दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक अनुष्ठान के पहले दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई. कलश यात्रा में गांव की सैकड़ो महिलाओं और लड़कियों ने हिस्सा लिया. कलश यात्रा निकालने से पूर्व गांव के सूर्य मंदिर के निकट स्थित तालाब के पास बने यज्ञ स्थल पर जलगोविंद मठ (बाढ़) के मठाधीश श्री महंत गजेंद्र दास जी के साथ अन्य ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण कर धार्मिक अनुष्ठान की आधारशिला रखी गई.
इसके बाद तालाब से जल भरकर माथे पर कलश रख महिलाओं ने गांव भर का भ्रमण किया.इस दौरान जय श्री राम के नारों से पूरा इलाका गूंजायमान होता रहा. संध्या में कथा स्थल के लिए बनाए गए भव्य मंच का उद्घाटन मुख्य अतिथि हड्डी एवम नस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ऋषभ कुमार, और जनसुराज नेता कैप्टन मुकेश सिंह के द्वारा फीता काटकर किया गया.इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ आनंद कुमार, समाजसेवी विलास यादव, मुकेश कुमार उर्फ चिंटू सिंह इत्यादि लोग भी शामिल हुए. आयोजक सह मुखिया प्रतिनिधि गोपाल कुमार के द्वारा मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया.
इस अवसर पर डॉ ऋषभ कुमार ने कहा श्री राम महायज्ञ का आयोजन हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है.यह यज्ञ भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा, भक्ति और उनके आदर्शों को मान्यता देने का एक तरीका है. इस महायज्ञ के आयोजन से न केवल धार्मिक लाभ होता है, बल्कि समाज में शांति, समृद्धि और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा मिलता है.श्री राम महायज्ञ के माध्यम से श्रीराम के गुणों, उनके जीवन, और उनके आदर्शों को स्मरण किया जाता है, जिससे भक्तों का आध्यात्मिक उन्नति होती है.


वही कैप्टन मुकेश सिंह ने कहा इस यज्ञ का आयोजन पापों के नाश और आत्मशुद्धि के लिए किया जाता है.मान्यता है कि इस यज्ञ से भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के जीवन से सारे दुखों और कष्टों का नाश होता है. बताते चलें कि महोत्सव के दौरान 3 फरवरी को मंडप प्रवेश एवं अरणी मंथन, 4 से लेकर 7 फरवरी तक यज्ञ हवन एवं वैदिक संस्कार और 8 फरवरी को पूर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा. जबकि 9 फरवरी को साइन बाबा की शोभायात्रा निकाली जाएगी.
10 फरवरी को सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. 11 फरवरी को साई बाबा शाही स्नान करने के बाद उसी दिन भंडारा करने के पश्चात महोत्सव का समापन हो जाएगा. इस बीच प्रत्येक दिन संध्या में 4:00 से कथा का प्रवचन एवं रात्रि में 8:30 बजे से रासलीला का आयोजन किया जाएगा.