पटना, अप्रैल 28: भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार की सख्ती से एक पीड़ित घर खरीदार को बिल्डर ने 15 लाख रूपये लौटा दिए हैं तथा शेष 8 लाख रुपये केस की अगली सुनवाई की तारीख से पहले लौटने का वादा किया है. यह मामला बिल्डर शुभगामी रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड से सम्बंधित है जिसके विरुद्ध पीड़ित घर खरीदार रणजीत कुमार पाण्डेय ने रेरा में वाद दायर किया था.

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रणजीत कुमार पाण्डेय ने बिल्डर को एक फ्लैट खरीदने हेतु 23 लाख रुपये दिए थे तथा तय शर्तों के अनुसार बिल्डर को अक्टूबर 2020 तक अपनी परियोजना शुभलक्ष्मी काम्प्लेक्स में फ्लैट उपलब्ध करा देना था. जब बिल्डर फ्लैट समय पर देने में विफल रहा तथा घर खरीदार के पैसे भी नहीं लौटाए तो रणजीत पाण्डेय ने रेरा में वाद दायर किया. उनके शिकायतवाद का निष्पादन 2021 में हो भी गया लेकिन बिल्डर ने आदेश को नहीं माना. तत्पश्चात पीड़ित ने इस मामले में निष्पादन वाद दायर किया लेकिन जब बिल्डर मामले में उदासीन रहा तो इस मामले में सर्टिफिकेट केस का निर्देश रेरा कोर्ट द्वारा पारित किया गया.
यहाँ यह बता देना आवश्यक है कि राज्य सरकार ने रेरा से सम्बंधित सर्टिफिकेट केसों के त्वरित निष्पादन हेतु प्राधिकरण के ही दो अधिकारियों को सर्टिफिकेट ऑफिसर घोषित कर दिया है तथा इस मामले की सुनवाई भी रेरा के सर्टिफिकेट अधिकारी द्वारा की जा रही थी.
सर्टिफिकेट शुरू होने के पश्चात भी बिल्डर अपनी मनमानी पर अड़ा रहा और दो-दो तिथियों पर उपस्थित नहीं हुआ. इसके बाद बिल्डर जवाहर पोद्दार के विरुद्ध बॉडी वारंट जारी किया गया. स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर रेरा अदालत में हाजिर करवाया.
अंततः बिल्डर पीड़ित घर खरीदार को पैसे लौटने पर राजी हो गया एवं 23 लाख रुपये में से 15 लाख रुपये अदालत में जमा भी कर दिया. अदालत ने उसे केस को अगली तारीख मई 13 से पहले शेष राशि भी जमा करने का निर्देश दिया.
pncb