पूर्णिया-सहरसा प्रमंडल के सभी सात जिलों का गज़ेटियर एक वर्ष में हो जाएगा प्रकाशित

राज्यस्तरीय गज़ेटियर प्रारूप प्रकाशन समिति की बैठक में कई विशेषज्ञों ने रखे विचार, इंस्टिट्यूट फ़ॉर ह्यूमन डेवलपमेंट की टीम देगी अंतिम रूप

पटना।। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा पूर्णिया एवं सहरसा प्रमंडल के सभी सात जिलों के जिला गज़ेटियर की पांडुलिपि निर्माण एवं पुनर्मुद्रण हेतु राज्य स्तरीय गज़ेटियर प्रारूप प्रकाशन समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई. उद्घाटन भाषण में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफलता पूर्वक पटना एवं दरभंगा जिले के गज़ेटियर के प्रकाशन का काम पूर्ण कर लिया गया है. अब पूर्णिया और सहरसा प्रमंडल के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा जिले के पांडुलिपि प्रकाशन और पुनर्मुद्रण का काम शुरू किया जा रहा है. इस काम की जिम्मेवारी इंस्टिट्यूट फ़ॉर ह्यूमन डेवलपमेंट, नई दिल्ली को सौंपी गई है. इस काम को पूरा करने के लिए एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया है. आज उसी संदर्भ पर विवेचना हेतु राज्य गज़ेटियर प्रारूप प्रकाशन समिति के सदस्यों और इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट से जुड़े विशेषज्ञों के साथ संयुक्त रूप से बैठक कर इस पर विवेचना की गई.

उन्होंने कहा कि गजेटियर जिले की जानकारी के व्यापक भंडार होते हैं. भूगोल, इतिहास, जनसांख्यिकी, संस्कृति, परंपराओं, सामाजिक प्रथाओं, अर्थव्यवस्था और प्रशासन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. प्रशासकों, नीति निर्माताओं, इतिहासकारों, शोधकर्ताओं, छात्रों और जनता के लिए ये महत्वपूर्ण हैं.

विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि राज्य में ये 1960 के दशक में तैयार किए गए थे और उन्हें अद्यतन करने की आवश्यकता है. पहले, मुख्य रूप से इतिहास, संस्कृति और लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जाता था. अब डेटा और सूचना की उपलब्धता के साथ उन्हें एकीकृत करने की आवश्यकता है.
इंस्टिट्यूट फ़ॉर ह्यूमन डेवलपमेंट के प्रमुख प्रो. अलख नारायण शर्मा ने कहा कि आज उनके साथ विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों की बड़ी टीम यहां बैठी है. अपने कार्य से संबंधित क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा उत्तर-पूर्व बिहार कोसी नदी के तेज बहाव के साथ बाढ़ प्रवण और सबसे गरीब क्षेत्र है. यहां बहुत अधिक पलायन है. जनसंख्या, क्षेत्र, जनसांख्यिकीय संरचना आदि के संदर्भ में महत्वपूर्ण भिन्नता है. कुल मिलाकर,उन जिलों में समानताएं और भिन्नताएं दोनों हैं.
इस दौरान भू अर्जन निदेशालय के निदेशक कमलेश कुमार सिंह, विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, संयुक्त सचिव आजीव वत्सराज, डॉ सुनील कुमार सिंह, संयुक्त राज्य संपादक नरेश कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
गज़ेटियर को लेकर परिचर्चा में समिति के सदस्यों में पटना विवि के पूर्व कुलपति प्रो रासबिहारी सिंह, एलएनएमयू, दरभंगा के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो रत्नेश्वर मिश्रा, खुदाबक्श लाइब्रेरी, पटना के पूर्व निदेशक प्रो इम्तियाज अहमद, प्रो रविन्द्र कुमार वर्मा, डॉ नंदिनी मेहता, डॉ बक्शी अमित कुमार सिन्हा, डॉ वर्ना गांगुली, संजय कुमार सिंह, मुकुल कुमार श्रीवास्तव समेत कई अन्य लोग शामिल थे.

pncb

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