न्यूज़ विज़न। बक्सर
चक्रवर्ती सम्राट अशोक जयंती के मौके पर कुशवाहा महासंघ के बैनर तले नगर के पिप्पली बुद्ध विहार स्थित बुद्ध मूर्ति से भव्य जुलूस एवं शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर के मुख्य चौराहों से होते हुए पुनः वापस आकर एक सभा में तब्दील हो गयी।
सम्राट अशोक एवं उनके शासन नीति पर विचार गोष्ठी की गयी जिसकी अध्यक्षता अभिमन्यु कुशवाहा ने किया। जिसमें चक्रवर्ती सम्राट के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। शोभायात्रा निकाले जाने के बारे में अभिमन्यु सिंह कुशवाहा ने कहा की वर्तमान समय में समाज में भेदभाव एवं संकीर्ण मानसिकता अपनी जगह गहरी कर रही है। ऐसे समय में सम्राट अशोक के विचारों को पुनः जागृत करना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उनका जीवन हमें सिखाता है की सच्ची शक्ति केवल शास्त्रों में नहीं बल्कि करुणा एवं एकता में है। यह एक ऐसे शक्तिशाली सम्राट थे जिन्होंने युद्ध की विभीषिका से सीख कर अहिंसा, धर्म और न्याय का प्रकाश पूरी दुनिया में फैलाया है। उनके आदर्श ने भारत को ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता को दिशा दिखाई, भारत के इतिहास में ऐसा कोई शासक नहीं हुआ। जिसने तलवार से साम्राज्य स्थापित किया फिर अहिंसा को सबसे बड़ी विजय माना। सम्राट अशोक केवल सम्राट नहीं बल्कि भारत की आत्मा है। इस शोभा यात्रा का उद्देश्य है कि, सम्राट अशोक द्वारा देश हित में जो त्याग बलिदान किया गया। उनके ऐतिहासिक गाथा को जीवंत बनाने हेतु जन जन तक पहुंचाना है। भविष्य में आने वाली पीढ़ी भी भारत के सम्राट अशोक एवं महापुरुषों की त्याग और समर्पण की गाथा की इतिहास को जान सके।
इस शोभायात्रा में सबसे आगे रथ पर सम्राट अशोक की तस्वीर लगी हुयी थी। ठीक उसके पीछे रथ पर गौतम बुद्ध की प्रतिमा के साथ भंते लोग सवार थे। उसके पीछे और चार रथ, घोड़े, दर्जनों कार-जीप, लगभग एक हजार मोटर साइकिल सवार झंडे और पताकों के साथ हजारों लोग पैदल चलते हुए विश्व विजेता सम्राट अशोक के गगन भेदी नारे लगा रहे थे। शोभायात्रा सबसे पहले रेलवे स्टेशन पहुंचा जहां से ज्योति प्रकाश चौक, मॉडल थाना, पिपरपाती रोड, अस्पताल रोड, मेन रोड, यमुना चौक से पुनः पुलिस चौकी, कॉलेज गेट, जेल पाइन रोड होते हुए पिप्पली बुद्ध तक पहुंच यात्रा सम्पन्न होने के पश्चात गोष्ठी आयोजित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया प्रभारी दीपक मौर्य, रवि मौर्य ,संतोष कुशवाहा, रंजीत कुशवाहा, मुन्ना कुशवाहा, जयप्रकाश सिंह, राहुल मौर्य, अविनाश मौर्य, जेपी कुशवाहा, पंजाबी कुशवाहा ,वीर बहादुर सिंह, पुष्पेंद्र कुशवाहा, सुनील कुशवाहा, मुखिया कुशवाहा, दिनानाथ ठाकुर, सोनू कुशवाहा, विनोद कुमार सिंह,गौरी कुशवाहा, विद्यासागर सिंह के अलावा अन्य लोगों का काफी सराहनीय योगदान रहा।