लापरवाही बरतने वाले अफसरों को लगाई फटकार, शहर में प्याऊ और वाटर एटीएम लगाने के निर्देश। बक्सर खबर। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने सोमवार को समाहरणालय में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में लू और संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और लापरवाही बरतने वाले अफसरों को जमकर फटकार लगाई। बैठक में वर्ष 2025 में हुए अग्निकांडों में पीड़ितों को मुआवजा भुगतान की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने पाया कि इटाढ़ी, ब्रह्मपुर, डुमरांव, नावानगर और सिमरी अंचल में अभी भी भुगतान लंबित है। इस पर उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अंचलाधिकारियों को तत्काल नियमों के अनुसार कार्रवाई कर पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित कराने का सख्त निर्देश दिया।
चापाकल मरम्मत और नल-जल योजनाओं के रखरखाव की समीक्षा में जिलाधिकारी ने पाया कि लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अपने कार्यों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही, उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर पेयजल की समस्या का जल्द समाधान करने और कंट्रोल रूम नंबर को 24 घंटे चालू रखते हुए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बक्सर सदर और डुमरांव के अनुमंडल पदाधिकारियों को चापाकल मरम्मत दल के कार्यों की निगरानी करने का भी आदेश दिया। जिलाधिकारी ने सभी नगर निकायों को सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ और वाटर एटीएम स्थापित करने और उनके उचित रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने खराब चापाकलों की तत्काल मरम्मत कराने के भी सख्त आदेश दिए।

जिलाधिकारी ने आपदा शाखा के प्रभारी पदाधिकारी को लू से बचाव के उपायों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी सरकारी अस्पतालों में लू से प्रभावित व्यक्तियों के इलाज के लिए विशेष कमरे बनाने और सदर अस्पताल, डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, आईवी फ्लूइड और जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों पर विशेष ध्यान देने और चलंत चिकित्सा दल व वाहन की समुचित व्यवस्था करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर तत्काल पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर 50 ओआरएस पैकेट उपलब्ध कराने और हीट वेव/लू प्रबंधन के बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश दिए गए।जिले में स्थापित कैटल ट्रफ की समीक्षा में पाया गया कि 6 में से 4 जगह पर वे निष्क्रिय हैं। जिलाधिकारी ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को तत्काल सभी कैटल ट्रफ को चालू कराने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने विद्युत आपूर्ति प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही ढीले तारों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने आम लोगों की समस्याओं की सूचना प्राप्त करने के लिए जिला स्तर पर फ्यूज कॉल सेंटर के टेलीफोन नंबर का प्रचार-प्रसार करने का भी आदेश दिया। बाढ़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के साथ बैठक कर तैयारियों की जानकारी देने और सुझाव प्राप्त करने का निर्देश दिया। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को तटबंधों की सुरक्षा, विशेष रूप से उमरपुर, केशोपुर, बिहार घाट और धाबी टोला जैसे संवेदनशील स्थलों पर सभी आवश्यक तैयारी समय पर पूरी करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बाढ़ संसाधन जैसे पॉलीथीन शीट, टेंट, महाजाल और लाइफ जैकेट की उपलब्धता की समीक्षा और सत्यापन करने का भी आदेश दिया। बैठक में चौसा के अंचलाधिकारी और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लू और बाढ़ से निपटने की तैयारियों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी अधिकारियों को अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी गंभीरता से करना होगा।