न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के नया बाजार स्थित सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम में पूज्य नारायण दास भक्तमालि उपाख्य मामाजी महाराज के पावन स्मृति में शनिवार से 17वें श्री प्रिया प्रियतम मिलन महोत्सव का शुभारम्भ आश्रम के महंत सह श्री विश्वामित्र पीठाधीश्वर श्री राजाराम शरण दास जी महाराज द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्यासपीठ का पूजन के साथ किया गया।
व्यासपीठ पूजन के पूर्व महंथ राजाराम शरण दास जी महाराज द्वारा मंदिर में ठाकुर जी का पूजन अर्चन किया गया तत्पश्चात मामा जी महाराज को माल्यार्पण कर आगे व्यासपीठ पूजन किया गया। जहां उपस्थित पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार भी किया गया। वही भागवत कथा के प्रथम दिन कथा व्यास भगवत भूषण डॉ पुण्डरीक शास्त्री जी महाराज ने संगीतमय श्रीमद्भागवत महात्म्य की चर्चा करते हुए कहा कि वेद कल्पवृक्ष है और श्रीमद्भागवत उस वेद रूपी कल्पवृक्ष का परिपक्व फल है, जो भक्ति रूपी रस से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि भागवत में चार अक्षर भा ग व और त। कथा व्यास ने भा की व्याख्या करते हुए कहा कि भा से तात्पर्य भाष्यते सर्व वेदाषु अर्थात भागवत जी वो है जिसका प्रकाश चारों वेदों में फैला हुआ है। जबकि ग से तात्पर्य है गीयते नारदिदिशु अर्थात जिन का गुणगान नारद आदि भक्त कवियों ने गाया है। व का तात्पर्य वदन्ति त्रिभुवन लोकेषु अर्थात जिनका गुणगान तीनों लोकों में होता है। वहीं त का तात्पर्य तरन्ति भवसागरण अर्थात जो भवसागर अर्थात जन्म मरण के चक्र एवं काम क्रोध लोभमद भवसर इन षड विकारों को समाप्त कर देता है वह श्रीमद्भागवत है।