बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। राजधानी पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र में स्थित एक ब्रांडेड ज्वेलरी शोरूम में हुई सनसनीखेज लूटकांड के बाद पुलिस लगातार अपराधियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। पुलिस की टीम ने नालंदा जिले के एकंगरसराय, करायपरसुराय और आसपास के इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। लेकिन दो मुख्य लुटेरे पुलिस की भनक लगते ही फरार हो गए। पुलिस ने उनका पीछा भी किया। मगर वे हाथ नहीं आए।
यह लूटकांड 9 नवंबर 2024 को हुआ था, जब नकाबपोश अपराधियों ने ज्वेलरी शोरूम से 50 हजार रुपये नकद और करीब साढ़े तीन लाख रुपये के गहने लूट लिए थे। मामले की जांच में यह सामने आया कि इस वारदात को नालंदा और नवादा के कुख्यात अपराधियों के गिरोह ने अंजाम दिया।
पुलिस को अब सभी लुटेरों की पहचान हो चुकी है। लेकिन वे बार-बार अपने ठिकाने बदल रहे हैं और अपने मोबाइल फोन भी बंद कर रखे हैं, जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस करने में कठिनाई हो रही है।
करीब एक माह पहले पुलिस ने इस मामले में संजीत कुमार नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। संजीत, नालंदा जिले के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के करमागंज का रहने वाला है। हालांकि वह लूट में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं था। लेकिन उसने लूटे गए छह मोबाइल में से दो खरीदे थे। संजीत मोबाइल दुकानदार है और उसने सस्ते दामों पर चोरी के मोबाइल खरीदने की गलती कर दी। जिसका खामियाजा अब उसे भुगतना पड़ रहा है।
पुलिस की टीम लगातार अपराधियों की धरपकड़ में जुटी हुई है और विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही है। हालांकि लुटेरे अब भी पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और लूटे गए गहनों और नकदी को बरामद किया जाएगा।
नालंदा और नवादा जिले में सक्रिय आपराधिक गिरोहों की वजह से पुलिस के लिए चुनौती बढ़ गई है। ये गिरोह लूट, चोरी और अन्य अपराधों में लिप्त हैं और पकड़े जाने से बचने के लिए बार-बार अपने ठिकाने बदलते रहते हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन गिरोहों पर नकेल कसने के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है और जल्द ही उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस लूटकांड के बाद से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। राजधानी पटना में इस तरह की घटनाओं से व्यापारियों में भी डर बना हुआ है। लोग पुलिस से जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने और शहर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि पुलिस अपनी रणनीति में कितनी जल्दी सफल होती है और क्या लुटेरे जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे या फिर वे पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहेंगे।
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