बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने ग्रामीण न्याय प्रणाली को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब राज्य की ग्राम कचहरियों में दीवानी और फौजदारी मामलों को डिजिटल माध्यम से दर्ज किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों को न्याय पाने की प्रक्रिया अधिक सहज, प्रभावी और भ्रष्टाचारमुक्त हो रही है।
ग्राम कचहरियों में अब कोई भी ग्रामीण अपने मोबाइल के माध्यम से ई-ग्राम कचहरी पोर्टल पर केस दर्ज कर सकता है। इससे न्याय मांगने के लिए लोगों को किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कदम विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पारंपरिक न्यायिक प्रक्रियाओं में आने वाली बाधाओं और विलंब से परेशान रहते थे।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के सभी जिलों में अब तक कुल 11831 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और उनकी सुनवाई जारी है। दिलचस्प बात यह है कि इन मामलों के निबटारे की प्रक्रिया भी डिजिटल रूप से रिकॉर्ड की जा रही है। जिससे निर्णय पारदर्शी और सुरक्षित बनाए जा रहे हैं।
न्याय आपके द्वार अभियान के तहत पंचायती राज विभाग ने इस पहल को शुरू किया है। इसके लिए ग्राम कचहरी के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस डिजिटल ट्रायल के दौरान ही 843 दीवानी और 1063 फौजदारी मामलों का निपटारा किया गया है।
डिजिटल प्रक्रिया के तहत अब ग्रामीण अपने मोबाइल से ही केस दर्ज कर सकते हैं। अब तक 895 लोगों ने मोबाइल के माध्यम से आवेदन किया है, जो दर्शाता है कि लोग इस नई व्यवस्था को तेजी से अपना रहे हैं। इससे लोगों को बार-बार ग्राम कचहरी जाने की जरूरत नहीं पड़ती और उनका समय व धन दोनों की बचत हो रही है।
बिहार सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम का मुख्य उद्देश्य ग्राम स्तर पर न्याय प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। अब ग्राम कचहरी में होने वाली कानूनी कार्यवाहियों को डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से संचालित किया जाएगा और उसका डिजिटल रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।
अब ई-ग्राम कचहरी के माध्यम से सभी दस्तावेजों और केस की डिजिटल रिकॉर्डिंग होगी। जिससे दस्तावेजों की सुरक्षा बढ़ेगी। मामलों की जांच और सुनवाई प्रक्रिया तेज होगी। पारदर्शिता बनी रहेगी। कोई भी व्यक्ति कहीं से भी अपने केस की स्थिति देख सकेगा। ग्राम कचहरी में न्याय अब डिजिटल युग में प्रवेश कर चुका है!
ई-ग्राम कचहरी प्रणाली ग्रामीण जनता के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो रही है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होगा और ग्रामीण स्तर पर विवादों का जल्द और प्रभावी तरीके से निपटारा किया जा सकेगा। डिजिटल रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन फाइलिंग की यह पहल निश्चित रूप से गांवों में न्याय व्यवस्था की तस्वीर बदलने का काम करेगी।
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