बिहार की ‘लुटेरी पुलिस’.. थानेदार ही निकला ‘लूटेरा’.. कारोबारी से 32 लाख की लूट.. जानिए पूरा मामला

जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आप क्या करेंगे । जिस पुलिस पर लोगों की सुरक्षा देने का जिम्मा है वही पुलिस जब लुटेरी बन जाए तो आप क्या कहेंगे.. जब पुलिस वाले ही लुटेरा बनकर लोगों को लूटने लग जाएं तो आप क्या कहेंगे.. ये सवाल इसलिए जरुरी है कि क्योंकि बिहार पुलिस का एक थानेदार ही लुटेरा बन गया . उसने एक कारोबारी से 35 लाख रुपए लूट लिए।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, कोलकाता का एक आभूषण कारोबारी रोहन कुमार बिहार आया हुआ था। वो अपने क्लाइंट गोल्ड डिलवर करने आया था। व्यापारियों को सोना देने के बाद वो पैसे वसूलकर वापस कोलकाता लौट रहा था। रास्ते में बिहार पुलिस की टीम गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी । इसी दौरान लूट की वारदात को दिया गया अंजाम

32 लाख कैश लूटे
पीड़ित व्यापारी रोहन का आरोप है कि गाड़ियों की चेकिंग के दौरान थानेदार ने बैग खोला तो उसमें 64 लाख रुपए कैश थे। जो वो कलेक्ट कर लेकर जा रहा था। चेकिंग के दौरान 64 लाख रुपए कैश देखते साथ ही थानेदार रवि रंजन कुमार और उसके ड्राइवर अनिल कुमार की नीयत खराब हो गई। आरोपी पुलिस वालों ने 64 लाख रुपए कैश में से 32 लाख रुपए निकाल लिया ।

झूठे केस में फंसाने की धमकी
पीड़ित कारोबारी ने जब इसका विरोध किया तो शराब और गांजा तस्करी के झूठे केस में फंसाने का धमकी दे डाली। साथ ही कहा कि अभी बोलो तो अभी जेल में डाल दें क्या। जिसके बाद पीड़ित आभूषण कारोबारी रोहन डर गया ।

स्थानीय व्यापारियों ने की मदद
आभूषण कारोबारी से पैसा खुद थानेदार ने लूटा था तो ऐसे में वो कंप्लेन करने कहां जाता क्योंकि थाना प्रभारी खुद लुटेरा था । हार मानकर पीड़ित व्यापारी अपनी जान पहचान के लोकल व्यापारियों के पास पहुंचा और पूरी घटना के बारे में बताया। जिसके बाद उस लोकल व्यापारी ने व्यापारी एसोशिएशन को घटना की जानकारी दी।

छपरा एसएसपी ने लिया एक्शन
स्थानीय व्यापारी संगठन ने इस बात की जानकारी छपरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष को दी। पहले तो पुलिस अधीक्षक को अपने थानेदार की काली करतूत पर भरोसा नहीं हुआ । फिर जब पीड़ित व्यापारी ने आपबीती छपरा एसपी कुमार आशीष को बताया तो उन्होंने तुरंत एक्शन लिया ।

कैसे पकड़ा गया आरोपी थानेदार
छपरा एसपी कुमार आशीष ने इस मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए।मढ़ौरा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा। मढ़ौरा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नरेश पासवान मकेर थाना पहुंचे। वो वहां बिना बताए आरोपी थानेदार रवि रंजन कुमार को अपने साथ लेकर भेल्दी थाना पहुंचे । रवि रंजन कुमार को ये शक नहीं होने दिया गया कि इस बारे में उन्हें कुछ पता है ।

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पहले से मौजूद थे आला अफसर
उधर, भेल्दी थाना में सीनियर पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष और डीआईजी निलेश कुमार पहले से मौजूद थे । पहले तो पुलिस वालों का शिनाख्त परेड कराया गया । जिसमें पीड़ित कारोबारी ने आरोपी थानेदार रवि रंजन कुमार और उसके ड्राईवर अनिल कुमार की पहचान की ।

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थानेदार गिरफ्तार, सस्पेंड
शिनाख्त के बाद छपरा के सीनियर पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष और डीआईजी निलेश कुमार ने आऱोपी थानेदार रवि रंजन कुमार से कड़ाई से पूछताछ की। पहले तो वो अपना जुर्म कबूल नहीं कर पा रहा था । लेकिन जब अफसरों ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया । जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। साथ ही तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। बताया जा रहा है कि रवि रंजन कुमार 6 महीने पहले ही मकेर थाना का थानाध्यक्ष बना था ।

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कहां का है मामला
दरअसल, ये पूरा मामला छपरा के मकेर थाना का है । छपरा के एसएसपी कुमार आशीष ने घटना के बारे में बताया कि कोलकाता का स्वर्ण व्यवसायी सोने के गहनों की डिलीवरी के बाद राशि की वसूली कर एनएच 722 के रास्ते मुजफ्फरपुर की ओर जा रहा था। उधर मकेर पुलिस को सूचना शराब तस्कर की सूचना मिली थी । इसलिए मकेर थाना पुलिस रेवा घाट पुल के पास वाहन चेकिंग कर रही थी.

32 लाख रुपए कैश बरामद
छपरा के सीनियर पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष का कहना है कि कारोबारी से लूटी गई रकम बरामद कर ली गई है । साथ ही आरोपी होमगार्ड जो थानेदार का ड्राईवर था उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

पहले भी रही है क्रिमिनल हिस्ट्री
होमगार्ड जवान औऱ थानाध्यक्ष के ड्राईवर अनिल कुमार का पहले भी आपराधिक हिस्ट्री रही है । तब वो एक व्यक्ति को शराब के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 55 सौ रुपए अपने गूगल पे अकाउंट पर लिया था । जिसमें वो जेल भी जा चुका है । अनिल कुमार को उसके पिता की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली है । उसपर एफआईआर भी दर्ज है

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