भाग्य भरोसे न बैठें, मायोकिमिया है दायीं आँख फड़कना

नालंदा दर्पण डेस्क। दुनिया में मानव शरीर के दायीं आँख फड़कने को लेकर कई तरह की मान्यताएँ और धारणाएँ प्रचलित हैं। हालांकि यह मान्यताएँ अलग-अलग क्षेत्रों और संस्कृतियों में भिन्न हो सकती हैं।

कई लोगों का मानना है कि यदि दायीं आँख फड़के तो यह शुभ संकेत होता है। इससे यह माना जाता है कि कुछ अच्छा होने वाला है। जैसे कि कोई खुशखबरी मिल सकती है या किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता मिल सकती है।

कुछ मान्यताओं के अनुसार, पुरुषों के लिए दायीं आँख का फड़कना शुभ माना जाता है। जबकि महिलाओं के लिए यह अशुभ संकेत माना जाता है। इसके विपरीत बायीं आँख का फड़कना पुरुषों के लिए अशुभ और महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है।

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार आँख का फड़कना आमतौर पर मांसपेशियों के अनियंत्रित संकुचन के कारण होता है। जिसे ‘मायोकिमिया’ कहते हैं। यह तनाव, थकान, अधिक कैफीन सेवन या नींद की कमी के कारण हो सकता है।

यदि आँख का फड़कना लंबे समय तक जारी रहता है या परेशानी का कारण बनता है तो डॉक्टर से परामर्श करना उचित होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *