बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। कभी छात्रों की चहल-पहल से भरा रहने वाला बिंद प्रखंड मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय का छात्रावास आज अपने पुराने गौरव को खोकर एक भूत बंगला बन चुका है। वर्षों पहले बने इस छात्रावास की दीवारें और छत अब इस कदर जर्जर हो चुकी हैं कि कभी भी ढह सकती हैं। जिससे बड़े हादसे की आशंका मंडरा रही है। इसके आस-पास के इलाके के लोग लगातार खंडहर भवन के खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं। जबकि इस खंडहर भवन के चारों ओर छोटे-छोटे बच्चे खेलते रहते हैं।
यहां स्थित मध्य विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र भी इसी परिसर में संचालित हो रहे हैं। स्कूली बच्चे, चाहे वे विद्यालय के हों या गांव के, खंडहर की ओर आकर्षित होकर खेलते रहते हैं। वे न केवल यहां खेलते हैं, बल्कि खंडहर के अंदर जाकर बरामदे में बैठकर बातें भी करते हैं, जिससे कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। आज तक इस खतरनाक स्थिति की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं गया है।
1944 में बने इस छात्रावास का कभी बड़ा महत्त्व हुआ करता था। यह भवन न केवल दूर-दराज़ के छात्रों के रहने का ठिकाना था, बल्कि यहां से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त होती थी। इस भवन में पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा का भी संचालन हुआ करता था। लेकिन समय के साथ इस ऐतिहासिक इमारत की मरम्मत और देखरेख न होने के कारण यह धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गया।
आज इस भवन की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि असामाजिक तत्व इसके दरवाजों, खिड़कियों और यहां तक कि ईंटें भी उखाड़कर ले जा रहे हैं। खाली पड़े कमरे अब असामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं। वे यहां छुपकर नशे का सेवन करते हैं। इस उपेक्षित और खंडहर हो चुके छात्रावास की दुर्दशा को देखकर यह सवाल उठता है कि क्या कभी इसका पुनर्निर्माण होगा या यह भवन हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में सिमट जाएगा?
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