Natural Medicine: लीवर की तन्दुरुस्ती की रक्षा करता है सहजन के फूल

स्वास्थ्य (नालंदा दर्पण)। बदलते जीवनशैली और खानपान की वजह से लीवर से संबंधित समस्याएं आम होती जा रही हैं। लेकिन सहजन के फूल एक प्राकृतिक उपाय (Natural Medicine) के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं। लीवर की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए सहजन के फूलों का सेवन एक सरल और प्रभावी उपाय है।

आम तौर पर सहजन को मुनगा या मोरिंगा के नाम से जाना जाता है,  वह अपने पोषण गुणों और औषधीय उपयोगों के लिए प्रसिद्ध है। इसके फूलों में विशेष रूप से हेप्टोप्रोटेक्टिव (लिवर-सुरक्षात्मक) तत्व पाए जाते हैं, जो लीवर की सेहत को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सहजन के फूलों में पाए जाने वाले हेप्टोप्रोटेक्टिव तत्व लीवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और उनके पुनर्निर्माण में मदद करते हैं। यह तत्व लीवर को विषाक्त पदार्थों से सुरक्षित रखते हैं और उसे स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। नियमित रूप से सहजन के फूलों का सेवन करने से लीवर में फैट जमा होने की समस्या को रोका जा सकता है, जो लीवर की बीमारियों का प्रमुख कारण होती है।

सहजन के फूलों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को बाहरी संक्रमणों और हानिकारक मुक्त कणों से बचाने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। जोकि कोशिकाओं के लिए हानिकारक होता है। इससे न केवल लीवर बल्कि शरीर के अन्य अंग भी स्वस्थ रहते हैं।

आजकल की अनियमित जीवनशैली, जंक फूड और शराब का सेवन लीवर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। लेकिन सहजन के फूल लीवर को डिटॉक्स करने में सहायक होते हैं और लीवर में सूजन, फैटी लीवर और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। सहजन के फूल लीवर को मजबूती प्रदान करते हैं, जिससे लीवर अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से कर पाता है।

सहजन के फूलों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है। इनसे सब्जी, पकौड़े, सूप और चाय तैयार की जा सकती है। जो न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी होते हैं। इसके अलावा सहजन के फूलों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है, जो लीवर की समस्याओं के उपचार में सहायक होते हैं।

हालांकि सहजन के फूल केवल लीवर के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटीबायोटिक गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और संपूर्ण शरीर के अंगों को बेहतर कार्य करने में मदद करते हैं।

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