स्वास्थ्य (नालंदा दर्पण)। सहजन को अंग्रेजी में Drumstick के नाम से जाना जाता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी चमत्कारी औषधि से कम नहीं है। विशेषकर किडनी और मूत्राशय के लिए इसके गुण अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। सहजन का नियमित सेवन न केवल शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है, बल्कि किडनी और मूत्राशय में पथरी जैसी समस्याओं की रोकथाम में भी अहम भूमिका निभाता है।
सहजन के पत्तों और फलियों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करते हैं। जब किडनी में इन हानिकारक तत्वों की मात्रा कम होती है तो पथरी के बनने की संभावना भी घट जाती है। सहजन का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव किडनी को मजबूत बनाने के साथ-साथ उनके समुचित कार्य में भी सहायक होता है।
कैसे करता है सहजन किडनी और मूत्राशय की रक्षा? किडनी और मूत्राशय के सही कामकाज के लिए सहजन में मौजूद कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन सी जैसे तत्व अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। ये तत्व न केवल किडनी में जमने वाले खनिजों को नियंत्रित करते हैं, बल्कि शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को भी बाहर निकालने में मदद करते हैं।
यही कारण है कि सहजन का सेवन पथरी की वृद्धि को रोकने में सहायक माना जाता है। इसके अलावा सहजन के प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मूत्राशय की सूजन को कम करने और मूत्राशय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होते हैं।
कैसे करें सहजन का सेवन? सहजन की फलियों और पत्तों को कई तरह से भोजन में शामिल किया जा सकता है। आप इसका उपयोग सब्जी, सूप या स्मूदी के रूप में कर सकते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से न केवल आपके किडनी और मूत्राशय को लाभ मिलेगा, बल्कि यह आपकी इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देगा।
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