नालंदा के ग्रामीण क्षेत्रों में नए PHC खुलेंगे, जानें मापदंड

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्रों (PHC) की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए सभी जिलों से सूची मांगी गई है।

स्वास्थ्य मानकों के अनुसार 5000 की आबादी पर एक स्वास्थ्य उपकेंद्र होना चाहिए। लेकिन नालंदा जिले की लगभग 35 लाख की आबादी के मुकाबले वर्तमान में केवल 370 स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालित हो रहे हैं। इस गणना के अनुसार जिले में लगभग 700 स्वास्थ्य उपकेंद्रों की आवश्यकता है यानी अभी भी 330 नए केंद्रों की जरूरत बनी हुई है।

डीपीएम (जिला कार्यक्रम प्रबंधक) के अनुसार स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने को लेकर एक विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। पंचायत स्तर पर सूची तैयार की जा रही है। ताकि अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो सकें। अगर किसी पंचायत की आबादी 10,000 या उससे अधिक है तो औसत के अनुसार 70 नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों की प्रारंभिक सूची मुख्यालय को भेजी गई है।

स्वास्थ्य मुख्यालय के निर्देशानुसार उपकेंद्रों की सूची तैयार करने के लिए संबंधित प्रखंडों को निर्देश दिए गए हैं। मानकों के अनुसार 5000 की आबादी पर एक स्वास्थ्य उपकेंद्र होना चाहिए। 20,000 की आबादी पर एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (APHC) आवश्यक होता है। 1,00,000 की आबादी पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) होना चाहिए। यदि किसी पंचायत में पहले से APHC मौजूद है तो वहां नया स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं खोला जाएगा। 20,000 से अधिक आबादी वाले पंचायतों में सुदूरवर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस योजना के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्राथमिक उपचार की सुविधा नजदीक मिलेगी। अभी भी कई ऐसे गांव हैं, जहां के लोगों को इलाज के लिए 10-15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना से न केवल आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि परिवार नियोजन, टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *