ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर हाजिरी में लापरवाही, हजारों शिक्षकों पर कार्रवाई के आदेश

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों द्वारा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर हाजिरी बनाने में भारी लापरवाही सामने आई है। यह तब है जब शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि शिक्षकों के वेतन भुगतान की अनुशंसा अब केवल ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर दर्ज उनकी उपस्थिति के आधार पर ही की जाएगी। इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) स्थापना ने पोर्टल पर शिक्षकों की उपस्थिति की समीक्षा की। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं।

जिले के 2446 विद्यालयों में कार्यरत कुल 15,955 शिक्षक और शिक्षिकाओं में से 13,707 ने ही पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज की है। वहीं 1,124 शिक्षकों ने हाजिरी बनाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए डीपीओ ने सभी संबंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को निर्देश दिया है कि वे ऐसे शिक्षकों की समीक्षा करें जो बिना किसी कारण के उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे हैं। साथ ही इन शिक्षकों से शोकॉज (कारण बताओ नोटिस) जारी करने और अनुपस्थित अवधि का वेतन रोकने की कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

समीक्षा में यह बात सामने आई है कि उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों की संख्या में बिहारशरीफ प्रखंड सबसे आगे है। यहां 128 शिक्षकों ने पोर्टल पर हाजिरी नहीं बनाई। इसके बाद हिलसा प्रखंड में 96, सिलाव में 82, रहुई में 79 और एकंगरसराय में 75 शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज नहीं की।

अन्य प्रखंडों की स्थिति भी चिंताजनक है। उदाहरण के लिए अस्थावां में 61, बेन में 28, बिन्द में 21, चण्डी में 40, हरनौत में 72, इसलामपुर में 56, करायपरसुराय में 18, कतरीसराय में 23, नगरनौसा में 55, नूरसराय में 59, परवलपुर में 26, राजगीर में 57, सरमेरा में 20, गिरियक में 25 और थरथरी में 42 शिक्षकों ने हाजिरी नहीं बनाई।

शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। डीपीओ ने स्पष्ट किया कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है और इसे वेतन भुगतान से जोड़ा गया है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में शिक्षकों की उदासीनता न केवल विभागीय निर्देशों की अवहेलना है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है।

डीपीओ ने बीईओ को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने प्रखंडों में स्थिति का जायजा लें और लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। विभाग का कहना है कि यदि शिक्षक बिना उचित कारण के हाजिरी दर्ज नहीं करते हैं तो उनकी अनुपस्थिति को गैरकानूनी माना जाएगा और वेतन रोकने के साथ-साथ अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *