राजगीर में पर्यटकों से 18% GST के साथ पार्किंग शुल्क की वसूली से सैलानी हैरान

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक राजगीर का कुंड क्षेत्र अब पर्यटकों के लिए महंगा हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध इस पर्यटक नगर में 1 अप्रैल, 2025 से पार्किंग शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लागू कर दिया गया है। नए ठेकेदार ने पार्किंग की जिम्मेदारी संभालते ही शुल्क में वृद्धि कर दी है। जिससे यहां आने वाले सैलानियों और तीर्थयात्रियों के बीच असंतोष की लहर देखी जा रही है।

बता दें कि राजगीर अपने गर्मजल कुंडों, ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह स्थल न केवल देश भर से, बल्कि विदेशों से भी हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। प्रतिदिन सैकड़ों वाहन कुंड परिसर में पार्क किए जाते हैं। जहां पर्यटक स्नान, भोजन और आसपास के दर्शनीय स्थलों का आनंद लेते हैं। लेकिन अब पार्किंग शुल्क में हुई बढ़ोतरी ने उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।

नगर परिषद द्वारा कुंड क्षेत्र की पार्किंग व्यवस्था की बन्दोबस्ती की जाती है। 31 मार्च, 2025 तक पार्किंग शुल्क में जीएसटी शामिल नहीं था और वाहन स्वामियों से सीधे निर्धारित शुल्क लिया जाता था। हालांकि नगर परिषद ने ठेकेदार से बन्दोबस्ती के दौरान 18 प्रतिशत जीएसटी वसूल किया था। नए नियमों के तहत अब यह जीएसटी सीधे पर्यटकों से लिया जा रहा है। जिसके चलते पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी हुई है।

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि सैरात बन्दोबस्ती में जीएसटी लगाने का प्रावधान 2019 से ही लागू है। लेकिन पहले के ठेकेदारों द्वारा यह शुल्क पर्यटकों से नहीं वसूला जाता था। जिसका कारण स्पष्ट नहीं है। उनके अनुसार नए नियमों के तहत 18 प्रतिशत जीएसटी जोड़ना पूरी तरह वैधानिक है।

जीएसटी लागू होने के बाद सभी प्रकार के वाहनों की पार्किंग दरों में बदलाव आया है। उदाहरण के लिए दो पहिया वाहन (पहले 50 रुपये, अब 59 रुपये), चार पहिया वाहन (पहले 100 रुपये, अब 118 रुपये), बस और बड़े वाहन शुल्क में 18% की वृद्धि की गई है। इसी तरह इ-रिक्शा, ऑटो और अन्य वाहनों की पार्किंग दरें भी बढ़ गई हैं।

इस नए शुल्क लागू होने के बाद पर्यटकों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ का मानना है कि यह बढ़ोतरी सुविधाओं में सुधार के लिए होनी चाहिए। जबकि कई इसे अनावश्यक बोझ मान रहे हैं। एक पर्यटक रमेश कुमार ने कहा, “पहले ही होटल, खाना और यात्रा में खर्च होता है। अब पार्किंग पर भी टैक्स लगने से बजट पर असर पड़ रहा है। वहीं स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि इससे पर्यटकों की संख्या पर असर पड़ सकता है।

वहीं नगर परिषद का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और कर नियमों के अनुपालन के लिए उठाया गया है। हालांकि पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बढ़े हुए शुल्क के बदले पार्किंग क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं जैसे- छायादार स्थान, सुरक्षा और साफ-सफाई, सुनिश्चित की जाएं।

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