राजगीर (नालंदा दर्पण)। आध्यात्मिक पर्यटन नगरी राजगीर से योग नगरी हरिद्वार तक की सीधी रेल सेवा शुरू होने से तीर्थयात्री और पर्यटक गदगद हैं। इस नई रेलगाड़ी को समर स्पेशल के नाम से शुरू किया गया है, जो राजगीर से हरिद्वार तक की यात्रा को पहले से कहीं अधिक सुगम और सुविधाजनक बना रही है। इस सेवा के शुरू होने से न केवल हरिद्वार और ऋषिकेश की यात्रा आसान हुई है, बल्कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन और सरयू नदी में स्नान भी अब पहले से अधिक सुलभ हो गया है।
शुक्रवार की सुबह राजगीर रेलवे स्टेशन पर इस समर स्पेशल रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। हालांकि इसका निर्धारित समय सुबह 6:05 बजे था। लेकिन पहले दिन यह रेलगाड़ी 20 मिनट की देरी से 6:25 बजे रवाना हुई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन 1215 यात्रियों ने इस रेलगाड़ी से सफर किया। जिसमें स्लीपर, एसी-3 और एसी-2 कोच में बुकिंग लगभग पूरी हो चुकी थी। स्लीपर के 944 बर्थ में से 806, एसी-3 के 286 सीटों में से 312 (वेटिंग सहित) और एसी-2 के 104 बर्थ में से 89 की बुकिंग हुई। जेनरल कोच में 8 यात्री सवार थे, जिनमें से 6 हरिद्वार के लिए थे।
रेलवे अधिकारियों ने इस शानदार शुरुआत पर खुशी जताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में यात्रियों की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है। यह रेलगाड़ी हर शुक्रवार को राजगीर से हरिद्वार और हर शनिवार को हरिद्वार से राजगीर के लिए चलेगी। कुल 12 फेरे इस रेलगाड़ी के निर्धारित किए गए हैं।
पहले राजगीर से हरिद्वार या ऋषिकेश जाने के लिए यात्रियों को कई बार ट्रेन बदलनी पड़ती थी या सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता था। जिससे समय, धन और ऊर्जा की बर्बादी होती थी। अब इस सीधी रेल सेवा के शुरू होने से यात्रा न केवल समयबद्ध होगी, बल्कि किफायती और आरामदायक भी होगी। इस रेलगाड़ी में 12 स्लीपर कोच, 4 एसी-3 कोच, 2 एसी-2 कोच और 4 जेनरल बोगियां शामिल हैं। ये सभी वर्गों के यात्रियों की जरूरतों को पूरा करती हैं।
राजगीर एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जो बौद्ध, जैन, हिंदू, सिख और मुस्लिम समुदायों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। दूसरी ओर हरिद्वार और ऋषिकेश गंगा के तट पर बसे पवित्र तीर्थस्थल हैं, जहां गंगा स्नान, योग साधना और आध्यात्मिक चिंतन के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। इस नई रेल सेवा से दोनों शहरों के बीच धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह सेवा न केवल तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि पर्यटन व्यवसाय, होटल उद्योग, स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगी। खासकर हरिद्वार और ऋषिकेश के घाटों की सैर, गंगा स्नान और हिमालय की गोद में योग व ध्यान का लाभ उठाने के इच्छुक यात्रियों को यह रेल सेवा विशेष रूप से आकर्षित करेगी।
यह रेलगाड़ी राजगीर से शुरू होकर नालंदा, पावापुरी रोड, बिहारशरीफ, वेना, हरनौत, बख्तियारपुर, फतुहा, पटना साहिब, पटना जंक्शन, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, वाराणसी, जौनपुर, अयोध्या धाम, लखनऊ, चारबाग, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, नजीबाबाद होते हुए हरिद्वार पहुंचेगी। यह मार्ग धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ता है। जिससे यात्रियों को एक ही यात्रा में कई तीर्थस्थलों के दर्शन का अवसर मिलेगा।
यह रेल सेवा राजगीर और हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगी। यह न केवल दो पवित्र शहरों को जोड़ रही है, बल्कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को भी सशक्त कर रही है। इस सेवा से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और दोनों क्षेत्रों के बीच लोगों का आवागमन बढ़ेगा।
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