बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण संवाददाता)। खेलों के प्रति युवाओं की रुचि को बढ़ावा देने और ग्रामीण स्तर पर खेल संस्कृति को मजबूत करने के उद्देश्य से बिहार में एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत हो रही है। अब प्रत्येक ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम में खेल क्लब की इकाइयों का गठन किया जाएगा। इसका मुख्य लक्ष्य युवा प्रतिभाओं की खोज, उन्हें प्रोत्साहन और खेलों में सहभागिता को सरल व सर्वसुलभ बनाना है।
खेल क्लबों के गठन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और व्यवस्थित होगी। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा निर्धारित तिथियों के अनुसार ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक शिक्षकों और शिक्षकों की देखरेख में क्लब के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष का चयन किया जाएगा। चयन प्रक्रिया में क्लब के सदस्यों की बैठक आयोजित होगी, जिसमें आपसी सहमति से पदाधिकारियों का चयन होगा। सहमति न बनने की स्थिति में मतदान के जरिए फैसला लिया जाएगा।
अध्यक्ष की जिम्मेदारी: खेल विभाग की योजनाओं को पंचायत स्तर पर लागू करना, मासिक बैठक आयोजित करना, योजनाओं की प्रगति का प्रतिवेदन और उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को भेजना।
सचिव की भूमिका: खेल योजनाओं को शत-प्रतिशत लागू करना, युवाओं के लिए प्रशिक्षण, खेल उपकरण और सामग्री की व्यवस्था करना, खेलों की समय-सारणी तैयार करना।
कोषाध्यक्ष का दायित्व: सभी उपकरणों और सामग्रियों का लेखा-जोखा रखना, परिसंपत्ति पंजी और रोकड़ पंजी का संधारण, वित्तीय नियमों का पालन और आवश्यक रजिस्टर (रोकड़ पंजी, सामग्री पंजी, वाउचर पंजी) तैयार करना।
खेल क्लबों के लिए सामग्री खरीद की प्रक्रिया भी सुनियोजित होगी। प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी और नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति सामग्री क्रय करेगी। पंचायत सचिव, खेल क्लब के कोषाध्यक्ष और नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी खाता संचालक होंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी खरीद वित्तीय नियमों के अनुरूप हों।
खेल क्लबों में विभिन्न खेलों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिनमें एथलेटिक्स, तलवारबाजी, कबड्डी, साइकलिंग, तीरंदाजी, वॉलीबॉल, रग्बी, हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, शूटिंग, भारोत्तोलन, हैंडबॉल, फुटबॉल, टेबल टेनिस, बॉक्सिंग, सेपक टकरा, बास्केटबॉल, बुशू और ताइक्वांडो शामिल हैं। इसके अलावा पंचायत क्षेत्रों में प्रचलित पारंपरिक खेलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। क्लबों की जिम्मेदारी होगी कि वे स्थानीय खेलों को बढ़ावा दें और युवाओं को इनके प्रति जागरूक करें।
खेल क्लबों का एक प्रमुख उद्देश्य युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करना और उन्हें प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करना है। क्लब प्रतिभावान खिलाड़ियों की सूची तैयार कर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को भेजेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को क्लब पदाधिकारी अपने क्षेत्र में भ्रमण कर युवाओं को खेल प्रतियोगिताओं के लिए प्रोत्साहित करेंगे। खेल मैदानों का रखरखाव, दैनिक गतिविधियों का व्हाट्सएप के जरिए विभाग को प्रतिवेदन भेजना और पंचायत के सभी गांवों में खेल क्लबों का गठन भी इनकी जिम्मेदारी होगी।
जिला खेल पदाधिकारी शालिनी प्रकाश के अनुसार यह पहल न केवल ग्रामीण स्तर पर खेलों को बढ़ावा देगी, बल्कि युवाओं को एक मंच प्रदान कर उनकी प्रतिभा को निखारेगी। इससे नई खेल प्रतिभाएं सामने आएंगी। जो जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगी। यह योजना बिहार में खेल संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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