ACS सिद्धार्थ का बड़ा एलानः अब ऐसे टीचर सीधे होंने सस्पेंड

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्कूलों में शिक्षकों की अनुशासनहीनता और लापरवाही को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने आज 28 अप्रैल 2025 को एक गोपनीय पत्र जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। इस पत्र में स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति और उनके आचरण से संबंधित गंभीर समस्याओं को उजागर किया गया है। साथ ही ऐसी गतिविधियों पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

28 अप्रैल 2025 को डॉ. सिद्धार्थ के निर्देश पर कुछ स्कूलों का गोपनीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान यह पाया गया कि कई शिक्षक विशेष रूप से वे जो स्कूल के निकट रहते हैं। उपस्थिति दर्ज करने के बाद स्कूल छोड़कर घर चले जाते हैं। यह शिकायत पहले भी प्राप्त हो चुकी थी। जिसके आधार पर शिक्षा विभाग ने इसे धोखाधड़ी का मामला माना है। निरीक्षण के दौरान ऐसे शिक्षकों को तत्काल निलंबित कर दिया गया।

डॉ. सिद्धार्थ ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि इस तरह की गतिविधियाँ शिक्षा विभाग के प्रति गंभीर अपराध हैं। उन्होंने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी शिकायत मिलने पर दोषी शिक्षकों को तुरंत निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए।

निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ स्कूलों में स्थानीय शिक्षक स्थानीय राजनीति में लिप्त हैं और स्कूल परिसर में ही राजनीतिक माहौल बना रहे हैं। इससे शैक्षणिक वातावरण दूषित हो रहा है। पत्र में कहा गया है कि ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए।

डॉ. सिद्धार्थ ने जोर देकर कहा कि शिक्षा विभाग स्कूलों में अनुशासन और शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

यह पत्र शिक्षा विभाग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें स्कूलों में अनुशासन, पारदर्शिता और शैक्षणिक गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जा रही है। विभाग ने स्पष्ट किया कि बिना कारण स्कूल से गायब होने वाले या स्कूल में राजनीति को बढ़ावा देने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पत्र की प्रतिलिपि शिक्षा विभाग के सचिव, निदेशक (माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा, जन शिक्षा, प्रशासन) और विशेष निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) को भी भेजी गई है। ताकि इस निर्देश का व्यापक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित हो।

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