राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार खेल विश्वविद्यालय राजगीर में एकेडमिक और एक्टिविटी परिषद की पहली बैठक आयोजित की गई, जो विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद शैक्षणिक मामलों से संबंधित सर्वोच्च समिति की पहली बैठक थी। कुलपति शिशिर सिन्हा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें शैक्षणिक सत्र 2025-26 से एथलेटिक्स और क्रिकेट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला शामिल है। यह कदम बिहार में खेल शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने वाला है।
इस बैठक में एथलेटिक्स और क्रिकेट के लिए 20-20 सीटों वाले स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया। इन पाठ्यक्रमों के लिए सिलेबस, परीक्षा स्कीम और ऑर्डिनेंस को भी अनुमोदित किया गया। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सह डीन निशिकांत तिवारी ने बताया कि सिलेबस और परीक्षा स्कीम को मार्च 2025 में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्क्लेव के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया था। प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी विषय में स्नातक डिग्री और निर्धारित स्तर पर आयोजित खेलों में भागीदारी का प्रमाण पत्र निर्धारित की गई है।
कुलसचिव रजनीकांत के अनुसार परिषद ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत विश्वविद्यालय साल में दो बार जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में नामांकन लेगा। नामांकित विद्यार्थियों को मल्टीपल एंट्री और एक्जिट विकल्प भी उपलब्ध होंगे। यूजीसी नियमों के अनुसार, 40 क्रेडिट पूर्ण करने पर स्नातक प्रमाण पत्र, 80 क्रेडिट पर स्नातक डिप्लोमा और 120 क्रेडिट पर स्नातक डिग्री प्रदान की जाएगी।
बैठक में परीक्षा नियंत्रक की अध्यक्षता में एक प्रशिक्षण प्रकोष्ठ स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया। इस प्रकोष्ठ का मुख्य उद्देश्य बिहार के शारीरिक शिक्षा शिक्षकों, अन्य नामित और प्रतिनियुक्त व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान करना होगा। यह प्रकोष्ठ राज्य में खेल प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय खेल विज्ञान और प्रशिक्षण संस्थान (एनएसएनआईएस), पटियाला जैसे संस्थानों के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के समकक्ष घोषित करने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा जारी स्नातकोत्तर डिप्लोमा डिग्री को देश के अन्य विश्वविद्यालयों के समकक्ष मान्यता दिलाने के लिए भी राज्य सरकार से अनुरोध किया जाएगा।
कुलपति शिशिर सिन्हा ने बैठक में कहा कि बिहार खेल विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसे साकार करने के लिए विश्वविद्यालय हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने परिषद के सभी नौ सदस्यों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। कुलसचिव रजनीकांत ने औपचारिक परिचय के साथ बैठक की शुरुआत की और परिषद के सचिव के रूप में सभी निर्णयों को औपचारिक रूप से दर्ज किया।
विश्वविद्यालय ने फिलहाल एथलेटिक्स और क्रिकेट में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। भविष्य में अन्य खेलों को भी शामिल करने पर विचार किया जाएगा। यह पहल न केवल बिहार के युवाओं को खेल प्रशिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में भी योगदान देगी।
- Khelo India Youth Games: पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, राजगीर में तैयारी तेज
- IPL Big Scam: संभलकर करें आईपीएल ऑनलाइन टिकट बुकिंग
- बिहार खेल विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र जुलाई से 3 पाठ्यक्रमों के साथ शुरु होगा
- राजगीर में पुरुष हॉकी प्रतियोगिता की मंजूरी, ₹24 करोड़ स्वीकृत
- Khelo India Youth Games: राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में होगा उम्मीदों का नया संगम