बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग में प्रथम सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 1.81 लाख विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया ने भले ही तेजी पकड़ी हो, लेकिन 6246 शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी ने उनकी परेशानियां बढ़ा दी हैं। तकनीकी खामियों और एचआरएमएस (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल पर आंकड़ों की अनुपलब्धता के कारण इन शिक्षकों को अभी तक वेतन नहीं मिल सका है। इस स्थिति ने न केवल शिक्षकों के बीच असंतोष पैदा किया है, बल्कि विभागीय कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।
शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रथम सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 1.81 लाख विशिष्ट शिक्षकों की टेक्निकल ज्वाइनिंग पूरी हो चुकी है। इसमें से 97 प्रतिशत यानी करीब 1.75 लाख शिक्षकों का डेटा एचआरएमएस पोर्टल पर सफलतापूर्वक अपलोड कर दिया गया है। इनमें से 1.73 लाख शिक्षकों को वेतन का भुगतान भी हो चुका है। हालांकि, शेष 6246 शिक्षकों के आंकड़े पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सके हैं, जिसके चलते उनका वेतन भुगतान लंबित है।
विभाग ने इस देरी के लिए मुख्य रूप से छह कारणों की पहचान की है, जिनमें प्रान नंबर (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की कमी प्रमुख है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि जिन शिक्षकों का डेटा अपलोड नहीं हुआ है, उन्हें इसकी वजह स्पष्ट रूप से बताई जाए और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए।
वेतन भुगतान की प्रक्रिया को गति देने के लिए विभाग ने लंबित शिक्षकों से प्रान नंबर और अन्य संबंधित जानकारियां जमा करने को कहा है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि उनके आंकड़े एचआरएमएस पोर्टल पर अपलोड किए जा सकें। विभाग का कहना है कि जैसे ही ये औपचारिकताएं पूरी होंगी, वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
वेतन भुगतान की समस्या के अलावा कुछ शिक्षकों की टेक्निकल ज्वाइनिंग भी अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रथम सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण ऐसे शिक्षकों की ज्वाइनिंग तत्काल प्रभाव से कराई जाए। यह कदम उन शिक्षकों के लिए राहतकारी हो सकता है, जो नियुक्ति पत्र मिलने के बावजूद औपचारिकताओं के अभाव में ज्वाइनिंग से वंचित हैं।
इधर, वेतन भुगतान में देरी ने विशिष्ट शिक्षकों के बीच असंतोष की भावना को जन्म दिया है। कई शिक्षकों का कहना है कि महीनों की मेहनत और परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए आश्वासन दिया है कि सभी लंबित औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाएंगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी समस्याओं को दूर करने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो पोर्टल पर डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया को तेज करेंगी।
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