बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने नालंदा जिले के बिहारशरीफ में स्थित हिरण्य पर्वत को एक प्रमुख इको पर्यटन (Eco tourism) स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज रविवार को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने हिरण्य पर्वत पर 2.64 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित उन्नयन कार्यों का शिलान्यास किया।
मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.68 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। परियोजना के तहत हिरण्य पर्वत पर कई विकास कार्य किए जाएंगे। पर्वत के शीर्ष पर स्थित मंदिर तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए सीढ़ियों का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा के लिए एक उत्कृष्ट कैफेटेरिया, आधुनिक फव्वारे और विश्व स्तरीय शौचालय का निर्माण होगा।
पर्वत के पीछे और किनारों पर फेंसिंग की जाएगी। ताकि पत्थरबाजी जैसी घटनाओं को रोका जा सके। यह विशेष रूप से नीचे बने फिटनेस पार्क की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। पहले से मौजूद पार्क में ओपन जिम और हाई मास्ट लाइटें स्थापित की जाएंगी। जिससे यह रात में भी उपयोगी और आकर्षक बने।
डॉ. कुमार ने हिरण्य पर्वत के प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिहारशरीफ एक अनूठा शहर है, जहां शहर के बीचों-बीच एक पहाड़ और पंचाने नदी का संगम देखने को मिलता है। यह अपने आप में दुर्लभ है।
उन्होंने आगे बताया कि हिरण्य पर्वत पर स्थित बाबा मणिराम का अखाड़ा हिंदुओं की गहरी आस्था का केंद्र है। विधायक बनने के बाद से ही उन्होंने इस स्थल के विकास को प्राथमिकता दी है और इसे धीरे-धीरे एक उत्कृष्ट तीर्थस्थल और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है।
शिलान्यास समारोह के दौरान मंत्री ने सोहसराय में सूर्य मंदिर के सामने प्रस्तावित इंद्रधनुषी पुल के बारे में भी जानकारी दी। इस पुल का डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार हो चुका है और स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्द ही इसका शिलान्यास किया जाएगा। यह पुल न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र की सौंदर्यता को भी बढ़ाएगा।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य हिरण्य पर्वत को एक आकर्षक और सुविधायुक्त पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है। इससे न केवल बिहारशरीफ, बल्कि पूरे नालंदा जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटकों की संख्या में वृद्धि से स्थानीय व्यापारियों, गाइडों और अन्य सेवा प्रदाताओं को आर्थिक लाभ होगा।
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