बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के बिहारशरीफ में गोपालगंज से आ रहे 600 बोरा चीनी लदे ट्रक के गायब होने के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। दीपनगर थाना पुलिस और जिला आसूचना इकाई की संयुक्त कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 55 बोरा चीनी बरामद की गई है। शेष चीनी और अन्य संलिप्त अपराधियों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी गई है।
घटना की शुरुआत 26 अप्रैल 2025 को हुई, जब बिहारशरीफ के स्थानीय व्यापारी सत्येन्द्र कुमार ने दीपनगर थाना में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि गोपालगंज से 600 बोरा चीनी, जिसकी कीमत ₹1288665 थी। बिहारशरीफ लाने के लिए ट्रक (BR-28GA-9700) पर 24 अप्रैल को लोड की गई थी। ट्रक ड्राइवर ने 25 अप्रैल को फतुहा में होने की जानकारी दी। लेकिन इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। अगले दिन जीपीएस ट्रैकिंग के आधार पर ट्रक खाली अवस्था में बिहारशरीफ के मामू भगीना मोड़ पर पाया गया।
शिकायत के आधार पर दीपनगर थाना में कांड संख्या 161/25 दर्ज किया गया। पुलिस ने तकनीकी जांच, जीपीएस डेटा विश्लेषण और साक्ष्य संकलन के जरिए ट्रक ड्राइवर की संलिप्तता का पता लगाया। इसके बाद जिला आसूचना इकाई और दीपनगर थाना की संयुक्त टीम ने 3 मई की रात से पटना और आसपास के इलाकों में छापेमारी शुरू की।
छापेमारी के दौरान पटना जिले से तीन आरोपियों सत्यप्रकाश राय (32 वर्ष), प्रदीप कुमार (30 वर्ष) और राकेश कुमार (37 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। इनकी निशानदेही पर 55 बोरा चीनी बरामद की गई। जांच में खुलासा हुआ कि राकेश कुमार पटना के गल्ला व्यवसायी गोलू कुमार का भाई है, जिसने ड्राइवर के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने फतुहा, पटना में ट्रक से चीनी उतारी और उसे दूसरी गाड़ियों के जरिए अन्य स्थानों पर भेज दिया। यह पूरी साजिश सुनियोजित थी। जिसमें ड्राइवर और कुछ स्थानीय अपराधियों की मिलीभगत थी। पुलिस ने पाया कि चीनी को कालाबाजारी के लिए विभिन्न स्थानों पर बेचने की योजना थी।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता भी सामने आई है। शेष 545 बोरा चीनी की बरामदगी और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। दीपनगर थाना प्रभारी ने कहा कि हमने एक सप्ताह के भीतर इस संवेदनशील मामले का उद्भेदन कर लिया है। जल्द ही सभी दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।
यह घटना न केवल बिहारशरीफ बल्कि पूरे राज्य में कालाबाजारी और संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस की मुहिम को और मजबूत करने का संकेत देती है।
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