माँ भगवती महायज्ञ में उपद्रव: फायरिंग और भगदड़ से मची अफरातफरी, 2 बाइक जप्त

चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी थाना क्षेत्र के लोदीपुर, जागो बिगहा और बोधी बिगहा के देवी स्थान पर आयोजित माँ भगवती सप्त चण्डी पांच कुण्डीय महायज्ञ में बुधवार देर शाम असामाजिक तत्वों ने जमकर उत्पात मचाया। बदमाशों ने दहशत फैलाने के उद्देश्य से चार राउंड फायरिंग की। जिससे आयोजन स्थल पर भगदड़ मच गई और श्रद्धालु डरकर इधर-उधर भागने लगे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महमदपुर गांव के चार-पांच बदमाश लोहे के रॉड और हथियार लेकर महायज्ञ स्थल पर पहुंचे और हंगामा करने लगे। मेला कमेटी के सदस्यों ने जब उन्हें आयोजन स्थल छोड़ने के लिए कहा तो बदमाश उनसे उलझ गए। विवाद बढ़ने पर बदमाशों ने देसी कट्टा निकालकर हवा में फायरिंग शुरू कर दी।

फायरिंग के दौरान श्रद्धालु और स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। बदमाश फायरिंग करते हुए अपने गांव की ओर भाग निकले। लेकिन इस दौरान वे अपनी दो मोटरसाइकिल मौके पर छोड़ गए।

घटना की सूचना मिलते ही चंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने बदमाशों द्वारा छोड़ी गई दो मोटरसाइकिलों को जब्त कर थाने ले गई।

सूत्रों के अनुसार यह वही बदमाश हैं। जिनकी इलाके में चोरी, लूटपाट, शराब का धंधा और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता होती है। पुलिस इनकी गतिविधियों पर पहले से ही नजर रख रही थी। माँ भगवती सप्त चण्डी पांच कुण्डीय महायज्ञ में उत्पात मचाने वाले सभी बदमाश औसतन नाबालिग बचाए जा रहे हैं, जो देशी कट्टे से लैस थे।

मेला कमेटी और स्थानीय लोगों ने घटना पर गहरा आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि महायज्ञ के पवित्र आयोजन में इस तरह का उपद्रव अस्वीकार्य है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।

चंडी थाना प्रभारी ने बताया कि बदमाशों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फायरिंग से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए स्थानीय लोगों और मेला कमेटी के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है।

धार्मिक आयोजनों में असामाजिक तत्वों की ऐसी हरकतें न केवल आयोजन की पवित्रता को भंग करती हैं, बल्कि आमजन की सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं। इस घटना ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि पुलिस बदमाशों पर किस हद तक कार्रवाई करती है और ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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