Harnaut Krishi Vigyan Kendra: प्रमोशन रद्द कर वैज्ञानिकों को थमाया गया रिटायरमेंट लेटर

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के एक फैसले ने हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र (Harnaut Krishi Vigyan Kendra) के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश भर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अचानक कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों की प्रोन्नति (प्रमोशन) रद्द कर दी और पहले से जारी की गई वेतनवृद्धि की राशि की वसूली का फरमान जारी कर दिया।

इतना ही नहीं सात वैज्ञानिकों को बिना किसी पूर्व सूचना के सेवानिवृत्त घोषित कर दिया गया। जिससे कर्मचारियों और उनके परिजनों में गहरी नाराजगी है। बताया गया कि 31 जनवरी की शाम सात वैज्ञानिकों को यह पत्र मिला कि वे उसी दिन से विश्वविद्यालय सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

वैक्षानिकों के अनुसार यह आदेश न केवल असंवैधानिक बताया जा रहा है, बल्कि इससे वैज्ञानिकों के आर्थिक भविष्य को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। आमतौर पर सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को दो माह पूर्व सूचना दी जाती है और उनके बकाया भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया।

इस फैसले के खिलाफ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने कलमबंद धरना देकर प्रशासन के इस कदम का विरोध किया। वैज्ञानिकों ने इसे तुगलकी फरमान करार देते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर नियमों की अवहेलना और सरकारी पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

विरोध प्रदर्शन में शामिल वैज्ञानिकों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से अपील की है कि वे इस अनुचित आदेश को तत्काल रद्द करें और विश्वविद्यालय प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दें।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।  लेकिन पूरे घटनाक्रम ने कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना भर दी है।

धरना प्रदर्शन में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सीमा कुमारी, डॉ. ज्योति सिन्हा, डॉ. विद्याशंकर सिन्हा, डॉ. उमेश नारायण उमेश, डॉ. विभा रानी, रवि मोहन, अर्पणा कुमारी, पुनम पल्लवी सहित अन्य कई वैज्ञानिक और कर्मचारी शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *