नालंदा DM ने इन 37 लोगों को किया CCA तड़ीपार, सभी SHO को दिया सख्त निर्देश

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में शांतिपूर्ण वातावरण एवं साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला दंडाधिकारी (DM) शशांक शुभंकर ने 37 आरोपियों को क्राइम कंट्रोल एक्ट (CCA) के तहत जिला बदर करने का आदेश दिया है। इन सभी को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित थाना क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं।

जिला बदर किए गए आरोपियों की सूची में विभिन्न थाना क्षेत्रों के नामचीन अपराधी शामिल हैं। इनमें हिलसा थाना क्षेत्र के नदहा गांव निवासी राजीव सिंह, राजगीर थाना क्षेत्र के नई पोखर निवासी अभिषेक सिंह, गिरियक थाना क्षेत्र के घोड़ा कटोरा निवासी निदेश उर्फ सागर, छबीलापुर थाना क्षेत्र के करमु बीघा निवासी सुमित कुमार सिन्हा, बेन थाना क्षेत्र के दाहाघाट निवासी राकेश कुमार, पावापुरी थाना क्षेत्र के पोखरपुर निवासी राजकुमार चौधरी, थरथरी थाना क्षेत्र के भतहर गांव निवासी रामलगन जमादार, चिकसौरा थाना क्षेत्र के सदरपुर निवासी धनंजय बिंद, कतरीसराय थाना क्षेत्र के मैरा गांव निवासी मंगल यादव, सोहसराय थाना क्षेत्र के सोहडीह निवासी मनीष कुमार चौधरी, नूरसराय थाना क्षेत्र के धर्मपुर निवासी जगत यादव, सारे थाना क्षेत्र के गिलानी गांव निवासी अशोक यादव, नगरनौसा थाना क्षेत्र के तीना गांव निवासी सूर्यमणि कुमार, करायपरसुराय थाना क्षेत्र के बेर गांव निवासी ललन पासवान, हथीला गांव निवासी ओकील सिंह, अब्बू पुर ख्वाजापुर गांव निवासी गोपाली पासवान, विद्यापुरी निवासी रंजीत कुमार, बिस्कुरवा गांव निवासी दिनेश यादव, लालसे बीघा निवासी नीतीश कुमार सहित अन्य कई नाम शामिल हैं।

इन अपराधियों को जिला बदर कर विभिन्न थाना क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। इनमें एकंगरसराय, हिलसा, इस्लामपुर, कतरीसराय, परवलपुर, करायपरसुराय, हरनौत, चिकसौरा, नगरनौसा, थरथरी, अस्थावां आदि थाना शामिल हैं। डीएम (DM) ने स्पष्ट रूप से सभी थानध्यक्षों (SHO) को यह निर्देश दिया है कि वे इन सभी अपराधियों की उपस्थिति पर कड़ी नजर रखें और कोई भी लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करें।

दरअसल क्राइम कंट्रोल एक्ट (CCA) का उपयोग उन व्यक्तियों के खिलाफ किया जाता है, जो समाज में अशांति फैलाने और अपराध में संलिप्त पाए जाते हैं। इस कानून के तहत प्रशासन को यह अधिकार प्राप्त है कि वह अपराधियों को एक निश्चित अवधि के लिए किसी विशेष क्षेत्र से बाहर भेज सकता है। इसका उद्देश्य जिले में सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था बनाए रखना होता है। ताकि जिससे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।

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