बालू घाटों की निगरानी के लिए नालंदा में बना कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में बालू घाटों की निगरानी को और सख्त बनाने के लिए खनन विभाग द्वारा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है। यह सेंटर खनन विभाग के कार्यालय में संचालित किया जा रहा है। यहां से जिले के सभी नौ वैध बालू घाटों की सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है।

खनन पदाधिकारी के अनुसार जिले में अवैध बालू खनन की संभावना बेहद कम है, क्योंकि सभी बालू घाटों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जाती है। प्रत्येक घाट पर स्थापित सीसीटीवी कैमरे सीधे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़े हुए हैं। यहां खनन विभाग की विशेष निगरानी टीम उनकी गतिविधियों को लाइव मॉनिटरिंग करती है।

खनन विभाग ने अवैध रूप से बालू परिवहन और भंडारण करने वालों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। यदि गैर-पंजीकृत या गैर-व्यावसायिक वाहनों से बालू का परिवहन किया जाता है तो ऐसे वाहनों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है। इसके साथ ही ऐसे वाहनों की जानकारी परिवहन विभाग को भी दी जाती है। ताकि उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके।

खनन विभाग ने आम जनता से बालू के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण से संबंधित शिकायतें दर्ज कराने की अपील की है। यदि किसी व्यक्ति को इस संबंध में कोई जानकारी मिलती है तो वह खनन विभाग को इसकी सूचना दे सकता है। विभाग ने यह भी आश्वासन दिया है कि शिकायतकर्ता का नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा।

बीते दिन  गिरियक क्षेत्र में अवैध बालू खनन का एक मामला सामने आया। जिस पर खनन विभाग और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। खनन पदाधिकारी के अनुसार अवैध खनन के अधिकांश मामले उन स्थानों से सामने आते हैं, जहां गुणवत्तापूर्ण बालू नहीं पाया जाता और मिट्टी मिश्रित बालू का अवैध खनन किया जाता है।

अब सरकार द्वारा बालू खनन को पारदर्शी बनाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक बालू घाट पर सूचना बैनर लगाया गया है। जिसमें वैध खनन के नियमों और प्रक्रिया की जानकारी दी गई है। खनन विभाग के अनुसार बालू का उठाव केवल चालान के माध्यम से ही किया जाता है और इस प्रक्रिया पर सीसीटीवी के जरिए विशेष नजर रखी जाती है।

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