बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) की ऑनलाइन परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। EOU ने नगरनौसा थाना क्षेत्र के महानंपुर गांव में छापेमारी कर रवि भूषण गिरोह के सदस्य और मुख्य अभियुक्त आदित्य कुमार उर्फ अंशु को गिरफ्तार कर लिया है।
आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक कुल 38 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि आदित्य और उसके साथियों ने सुनियोजित तरीके से परीक्षा में धांधली की थी। उसने परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी वी शाइन टेक के अधिकारियों और विभिन्न परीक्षा केंद्रों के संचालकों को भारी रकम देकर मैनेज किया था।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। गिरोह ने परीक्षा नियंत्रकों और आईटी स्टाफ को प्रॉक्सी सर्वर एवं रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी थी। परीक्षा के दौरान इनका इस्तेमाल कर सॉल्वर गैंग तक प्रश्नपत्र पहुंचाए गए और अभ्यर्थियों को गलत तरीके से पास कराया गया।
गिरोह ने परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी से साठगांठ कर प्रत्येक अभ्यर्थी से 4 से 5 लाख रुपये वसूले थे। इस खेल को अंजाम देने के लिए मॉक टेस्ट के दौरान नेटवर्क में प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर पहले ही स्थापित कर दिया गया था। इसके जरिए सॉल्वर गैंग ने परीक्षा नियंत्रकों और आईटी स्टाफ की मिलीभगत से ऑनलाइन परीक्षा को पूरी तरह प्रभावित किया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा CHO की परीक्षा 1 और 2 दिसंबर 2024 को 12 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। परीक्षा में धांधली की शिकायत के बाद जब EOU ने इन केंद्रों की जांच की तो बड़ी संख्या में प्रॉक्सी सर्वर, रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर, डमी एडमिन और अन्य डिजिटल उपकरण बरामद हुए।
EOU इस फर्जीवाड़े के अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। आदित्य कुमार की गिरफ्तारी को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह नेटवर्क काफी बड़ा था और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस की टीम इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही इस गिरोह के अन्य सदस्यों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
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