बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। पंचाने नदी के किनारे एक बार फिर से भव्य रिवर फ्रंट विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया जा रहा है। करीब 5 साल बाद यह महत्वाकांक्षी परियोजना फिर से चर्चा में आई है। जिसे जल संसाधन विभाग द्वारा धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह रिवर फ्रंट गोमती नदी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जिससे बिहारशरीफ की खूबसूरती और पर्यटकीय आकर्षण में चार चांद लगने की उम्मीद है।
बता दें कि वर्ष 2020 में दीपनगर स्टेडियम से बड़ी पहाड़ी तक पंचाने नदी के किनारे 117 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना को बनाने की योजना बनी थी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार की गई थी। लेकिन विभिन्न प्रशासनिक और वित्तीय कारणों से यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी।
वहीं, वर्ष 2016 में भी इसी तरह की योजना बनी थी, लेकिन अतिक्रमण की समस्या के कारण काम अधूरा रह गया। वर्ष 2020 में जब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसे फिर से शुरू किया गया तो बजट की समस्या आड़े आ गई। अब एक बार फिर इस परियोजना को आगे बढ़ाने की तैयारी हो रही है और इसे सफल बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
बीते दिन नगर आयुक्त और जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता ने तकनीकी अधिकारियों के साथ पंचाने नदी का विस्तृत निरीक्षण किया है। पहले से तैयार डीपीआर को पुनः मंगवाया गया है। ताकि वर्तमान स्थिति के अनुसार उसमें जरूरी बदलाव किए जा सकें और इसे और अधिक व्यवहारिक बनाया जा सके।
बिहारशरीफ नगर आयुक्त के अनुसार पूर्व डीपीआर में 8.2 किमी लंबे रिवर फ्रंट के लिए 48800 मीटर ग्रीन जोन का प्रावधान था। इसमें 3.6 किमी तक 30 मीटर चौड़ा फोर लेन रोड और 4.6 किमी तक टू लेन रोड के निर्माण की योजना थी। जहां जगह की कमी थी, वहां एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव था। इसके अलावा आधुनिक संरचनाओं के लिए भी प्लान तैयार किया गया था।
इस बार इस परियोजना को लेकर नई रणनीति बनाई जा रही है। बजट को ध्यान में रखते हुए आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। ताकि परियोजना सफलतापूर्वक पूरी की जा सके। अब जल संसाधन विभाग इस योजना को नए सिरे से तैयार करेगा और जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा।
इस परियोजना से पंचाने नदी के किनारे हरा-भरा और आधुनिक सुविधाओं से लैस रिवर फ्रंट लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह स्थान स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी एक बेहतरीन जगह बन सकता है। चौड़ी सड़कों और एलिवेटेड रोड की योजना से शहर के यातायात को बेहतर बनाया जा सकेगा। पंचाने नदी के विकास से जल प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण में सहायता मिलेगी। रिवर फ्रंट के निर्माण से स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इस परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। शहरवासियों का मानना है कि अगर यह योजना सफल होती है तो यह नालंदा जिले की पहचान को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। कई स्थानीय व्यापारी और होटल व्यवसायी इस परियोजना से पर्यटन के विकास की उम्मीद कर रहे हैं।
पंचाने नदी के समानांतर भव्य रिवर फ्रंट बनाने की योजना बिहारशरीफ के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। अगर इस बार योजना सफल होती है तो यह शहरवासियों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। अब देखना यह है कि यह परियोजना कितनी जल्दी धरातल पर उतरती है और इसका क्रियान्वयन कैसे किया जाता है।
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