शिक्षा विभाग का बड़ा निर्देश: अब APAAR ID में यूं होगा छात्रों का डेटा संशोधन

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने छात्रों के नामांकन पंजी के आँकड़ों में संशोधन के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि छात्रों के APAAR ID निर्माण की प्रक्रिया को सरल और सटीक बनाने के लिए आवश्यक सुधार किए जाएँ।

भारत सरकार के निर्देशानुसार राज्य में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों का APAAR ID बनाया जा रहा है। यह पहचान संख्या प्रत्येक छात्र की शैक्षणिक यात्रा को डिजिटल रूप से ट्रैक करने में सहायक होगी। परंतु कई छात्रों के Demographic Data (नाम, जन्म तिथि एवं लिंग) UDISE+ और AADHAAR में भिन्न होने के कारण उनकी पहचान सत्यापित नहीं हो पा रही है। यह असंगति AADHAAR Validation में विफलता का कारण बन रही है, जिससे APAAR ID निर्माण प्रभावित हो रहा है।

शिक्षा विभाग को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कई विद्यालयों में नामांकन पंजी और AADHAAR डेटा में भिन्नता पाई गई है। कुछ मामलों में, माता-पिता के नाम में भी अंतर दर्ज किया गया है। इसके परिणामस्वरूप एक ही छात्र के लिए एक से अधिक प्रोफाइल तैयार हो गए हैं। जिससे UDISE+ डेटाबेस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के नियमों के अनुसार पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर छात्रों के नाम, जन्म तिथि और लिंग में एक बार संशोधन किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वे माता-पिता से प्राप्त आवश्यक दस्तावेज जैसे जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, अदालती हलफनामा आदि के आधार पर विद्यालय के नामांकन पंजी में सुधार कर सकते हैं।

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् पटना द्वारा पूर्व में भी इस विषय पर कई निर्देश जारी किए गए हैं।  परंतु अब तक संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है। इसीलिए शिक्षा विभाग ने 10 फरवरी, 2025 तक की जिलावार प्रगति रिपोर्ट संलग्न करते हुए सभी विद्यालयों को यह निर्देश दिया है कि वे निर्धारित समयसीमा के भीतर आवश्यक सुधार कार्य पूरा करें।

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