बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा के जिलाधिकारी (DM) शशांक शुभंकर को जदयू (JDU) नेता रिशु कुमार पर क्रिमिनल कंट्रोल एक्ट (CCA) लगाना भारी पड़ गया। पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में डीएम के आदेश को निरस्त कर दिया और उनके खिलाफ 5,000 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिलाधिकारी ने रिशु कुमार के खिलाफ सीसीए की कार्रवाई की थी। हालांकि इस कार्रवाई के पीछे कोई ठोस आधार नहीं था। क्योंकि उनके खिलाफ न तो कोई प्राथमिकी दर्ज थी और न ही धारा 107 के तहत कोई मामला चल रहा था। बल्कि, उन पर तीन फर्जी सनहा दर्ज कर सीसीए के तहत कार्रवाई की गई थी।
डीएम के आदेश को चुनौती देते हुए रिशु कुमार ने हाई कोर्ट में अपील की और महज सात दिनों के भीतर ही स्टे ले लिया। इसके बावजूद जब तय समय पर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया तो रिशु कुमार ने अवमानना याचिका दायर कर दी। इस पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए 14 फरवरी 2025 की अंतिम समय सीमा तय कर दी।
आखिरकार 13 फरवरी को डीएम की ओर से एक सरकारी कर्मचारी को रिशु कुमार के घर भेजा गया, जिसने उन्हें 5,000 रुपये का चेक सौंप दिया। इस पूरे मामले ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह दिखाता है कि बिना ठोस आधार के किसी पर सीसीए लगाना कितना जोखिम भरा हो सकता है।
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